CG Supplementary Budget 2020-21: विस में वित्त वर्ष 2020-21 का 2386 करोड़ 57 लाख 95 हजार 800 रु. का अनुपूरक बजट पारित
अश्विन कुमार/नवप्रदेश। CG Supplementary Budget 2020-21: विधानसभा में गुरुवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 2386 करोड़ 57 लाख 95 हजार 800 रु. की द्वितीय अनुपूरक मांगों संबंधी प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गया। लेकिन इस अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने इसका विरोध किया तथा इसकी खामियां गिनाईं।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व सीएम रमन सिंह समेत अन्य भाजपा सदस्यों ने कहा कि सरकार सिर्फ कर्ज पटाने के लिए कर्ज ले रही हैं। अधोसंरचना व अन्य विकास कार्यों का पता नहीं है। सरकार ने महज दो साल के कार्यकाल में 36 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है और ये प्रक्रिया अब भी जारी है।
अपनी बारी आने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बारी-बारी से इसका करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हां हमने कर्ज लिया है, लेकिन ये कर्ज छत्तीसगढ़ (cg supplementary budget 2020-21) की खुशहाली व प्रदेश के किसानों की समृद्धि के लिए न कि आपकी तरह स्काई वॉक के लिए।
आपकी प्राथमिकताएं अलग हमारी अलग : सीएम
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमने कर्ज धान खरीदी के लिए लिया है। किसानों की मदद के लिए लिया है। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा- आपकी प्राथमिकताएं अलग थीं, हमारी अलग हैं। हमारे लिए प्रदेश का गरीब, आदिवासी व किसान-मजदूर सर्वोच्च प्राथमिकता में है। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय अनुपरक मांगों के साथ ही अब प्रदेश (cg supplementary budget 2020-21) के बजट का आकार बड़ा हो गया है और यह 1 लाख 8 हजार 101 रुपए का हो गया है।
विपक्ष के हर सवाल का सीएम ने ऐसे दिया माकूल जवाब
विपक्ष : राज्य पर कर्ज बढ़कर 67 हजार करोड़ हो गया
पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि सरकार कर्ज पर कर्ज ले रही है। दो साल में कर्ज बढ़कर 67 हजार करोड़ हो गया है। राज्य का वित्तीय घाटा 5.4 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया। राज्य की राजस्व प्राप्तियां घट रही हैं। राज्य की आर्थिक स्थिति में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि सरकार प्रति मिनट 2 लाख 92 हजार रुपए का कर्ज हो रहा है तथा प्रति मिनट 5 हजार रुपए का कर्ज हो रहा है। लेकिन विकास का कोई काम नहीं हो रहा है। सिर्फ कर्ज पटाने के लिए कर्ज लिया जा रहा है।
सीएम : आपने तो खजाने में छोड़े थे सिर्फ 400 करोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप खजाने में सिर्फ 400 करोड़ रुपए छोड़कर गए। नेता प्रतिपक्ष तो ये भी कहते थे यदि इसे भी खर्च कर देते तो चुनाव नहीं हारते। पूर्ववर्ती सरकार के बजट व कर्ज की तुलना में मौजूदा कर्ज सीमा में ही है। आपने ही तो 41 हजार करोड़ रुपए का कर्ज कर लिया था। फिर हमने जो जनता से वादे किए थे उन्हें जनहित में पूरा करने के लिए हमें भी कर्ज लेना पड़ा। हमने अभी केंद्र द्वारा राज्यों के लिए बढ़ाई गई सीमा के तहत कर्ज नहीं लिया है। राज्य की राजस्व प्राप्तियां भी केंद्र के 34 फीसदी की तुलना में 37 फीसदी है।
विपक्ष : गंगाजल लेकर खाई थी कसम
रमन सिंह ने कहा कि चुनाव के वक्त कांग्रेस ने गंगाजल हाथ में लेकर किसानों का कर्ज माफ करने व धान को 2500 रुपए कीमत देने की कसम खाई थी। लेकिन अब आलम ये है कि किसानों को किस्तों में राशि की जा रही है। पिछले साल का बोनस भी अभी तक नहीं मिला। कौशिक ने भी कहा कि अनुपूरक बजट में किसानों के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
सीएम: भाजपा की आईटी सेल के कारण खानी पड़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के आईटी सेल के कारण गंगाजल हाथ में लेकर कसम खानी पड़ी थी। चुनाव के दौरान झूठ फैलाया गया कि कर्ज माफ नहीं होगा। वो भी कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख के लेहरपैड पर जिसमें कांग्रेस नेता के डुप्लीकेट हस्ताक्षर भी कर दिए गए थे। रहा सवाल 2500 रुपए का तो हमने सदन में ऐलान किया था कि धान खरीदी एमएसपी पर ही होगी अंतर की राशि 10 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से बाद में दी जाएगी। और किसानों के लिए जरूरी हर मौके पर उन्हें अंतर की राशि दी जा रही है।
विपक्ष : सरकार नहीं खरीद रही बारदाना, धान खरीदी प्रभावित
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि पर्याप्त मात्रा में बारदाना नहीं होने से धान खरीदी बाधित हो रही है। आज ही मुझे सरगुजा से इस संबंध की जानकारी टेलिफोन पर मिली है। अन्य स्थानों पर भी यही हाल है। किसानों से बारदाना खरीदने के लिए कहा जा रहा है। सरकार ने धान खरीदी के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की।
सीएम : आप बता दो कहां है बारदाना, हम खरीदने तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारदानों की खरीदी कोलकाता से होती है। कोरोना काल में लॉकडाउन के कार देशभर की जूट मिले बंद थीं। जिसके कारण बारदाना ज्यादा नहीं बन पाया। ये बात पीएम मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी सामने आई थीं। अब जो चीज है ही नहीं उसे कहां से खरीदे। आप बता दें कि बारदाना कहां है। हम उसे खरीदने के लिए तैयार हैं। प्रदेश में अब बारदानों की कमी नहीं है। हर तरह से व्यवस्था की जा रही है।
विपक्ष: किसानों के रकबों में हुई है कटौती
कौशिक ने कहा कि किसानों के गिरदावरी व रकबों में कटौती होने से वे धान नहीं बेच पा रहे हैं। अधिकारी उनकी सुन नहीं रहे हैं। 112 पर कॉल करने पर कहा जाता है कि आपकी समस्या सुन ली गई है और फोन रख लिया जाता है। धान खरीदी नहीं बेच पाने के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। अब बचे दिनों में 90 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है। फिर भी अनुपूरक बजट में इसको लेकर चिंता नहीं दिखाई देती।
सीएम : 112 पर रकबा संबंधी सिर्फ 413 शिकायतें
2020-21 में 21.52 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है। 112 पर 1700 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 483 का निराकरण हो गया। 1212 पेंडिंग हैं। रकबा संबंधी सिर्फ 413 शिकायतें हैं। पंजीयन संबंधी 125 शिकायते हैं। मैंन खरीदी केंद्रों का दौरा किया है। सभी जगह शांतिपूर्वक तरीके से खरीदी हो रही है।
विपक्ष : 90 लाख टन का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल
कौशिक ने कहा कि सरकार धान खरीदी ठीक से नहीं करना चाहती। शनिवार- रविवार छु्ट्टी घोषित की गई है। बारदानों की कमी, रकबा कटौती अफसरों की तानाशाही से अब बचे दिनों में 90 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है।
सीएम : अब तक के आंकड़ों से है पूरा विश्वास
इस वर्ष अब तक प्रदेश (cg supplementary budget 2020921) के 9 लाख 90 हजार किसानों ने अपना 37.03 लाख मीट्रिक टन धान बेच चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले साल के 18.47 लाख मीट्रिक टन से करीब डबल है। धान खरीदी के लिए हर स्तर पर प्रयास तेज किए जा रहे हैं। इसलिए हमें विश्वास है कि 90 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।