रायपुर/नवप्रदेश। प्रदेश (cg politics) में मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (minister ts singhdev) के एक बयान को विपक्ष (opposition) ने अपने कर्तव्य के अनुरूप भुनाने की कोशिश की। जिसके बाद से प्रदेश का सियासी पारा ( political heat) चढ़ गया।
तो वहीं कैबिनेट में दूसरा स्थान रखने वाले मंत्री सिंहदेव ने बुधवार को एक और ट्वीट कर दिया। हालांकि इस बार उनके ट्वीट से विपक्ष (opposition) को कुछ हाथ नहीं लगा, बल्कि आश्चर्य जरूर हुआ होगा। ट्वीट ही कुछ ऐसा था।
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सिंहदेव (minister ts singhdev) ने इस ट्वीट के बहाने एक तरह से सीएम का पक्ष लिया और घेरा पत्रकार अर्नब गोस्वामी को। टीएस बाबा ने लिखा- ‘मेरी नजर अर्नब गोस्वामी की उस क्लिप पर गई है, जिसमें अर्नब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बारे में अनुचित बाते कह रहे हैं। यह छद्म पत्रकार शालीनता व शिष्टता के सभी भावों को खो चुका है। श्री भूपेश बघेल एक व्यक्ति ही नहीं बलिक संवैधानिक रूप से चुने गए जन प्रतिनिधि हैं, जो जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।’
सीएम बघेल ने लिया ये फैसला
बहरहाल प्रदेश (cg politics) में चल रही वहीं इस सियासी सरगर्मी (political heat) केे बीच सूबे की सियासत को बेहतर ढंग से संचालित करने की कोशिश में लगे सूबा-ऐ-सदर भूपेश बघेल ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने राज्य सरकार की तरफ से सभी सियासी फैसलों पर बोलने के लिए दो मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी है। सीएम बघेल के निर्देश पर वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे और मंत्री मोहम्मद अकबर ही अधिकृत बयान देंगे। यानी अब ये दोनों ही सरकार के अधिकृत प्रवक्ता होंगे।
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यह फरमान भी कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत वाले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के अतिउत्साह में विपक्ष को चुनौती के रूप में दिए गए इस्तीफे वाले बयान के बाद सरकार की तरफ से जारी हुआ है। वैसे बिना किसी ऐलान के कैबिनेट की बैठक या मंत्री मंडल में लिए गए फैसलों पर मीडिया को बयान उक्त दोनों मंत्री (मो. अकबर व चौबे) ही देते थे। ऐसे में अचानक राज्य सरकार की तरफ से जारी इस आदेश के बाद प्रदेश (cg politics) के सियासी हलकों में अटकलबाजी तेज हो गई है। बता दें कि पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में तीन मंत्रियों को शासन का पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया गया था।
सीएम के फैसले के मायने
अचानक ही राज्य सरकार के दो मंत्रियों को अधिकृत करने के फैसले पर बातें होने लगी हैं। जबकि विशेषज्ञों की मानें तो मुख्यमंत्री बघेल की तरफ से दो मंत्रियों को सरकार का अधिकृत प्रवक्ता नियुक्ति करने के पीछे का उद्देश्य यही है कि सरकार की तरफ से दी जाने वाली जानकारियों में विविधता ना रहे और जनता के बीच किसी भी विषय पर स्पष्ट जानकारी पहुंचे।
ये है मंत्री सिंहदेव का वो बयान जिससे गर्माई सियासत
मंगलवार को एक निजी चैनल में धान बोनस व जनघोषणा पत्र के वायदे पर नेताप्रतिपक्ष ने मंत्री सिंहदेव को इतना जोश दिला दिया था कि वे चौंकाने वाला बयान दे गए। दरअसल बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मंत्री सिंहदेव के बयान पर कहा था कि सरकार ने किसानों को धान का बोनस भी अब तक नहीं दिया।
इस चार किश्तों में बांट दिया। अगली फसल भी आ जाएगी तो यह राशि किसानों के खाते में नहीं पहुंचेगी। इसके जवाब में मंत्री सिंहदेव ने कहा था कि-मैं सबकेे सामने कहता हूं कि यदि अगली फसल आने से पहले अंतर की राशि किसानों के खाते में नहीं पहुंची तो इस्तीफा दे दूंगा। विपक्ष ने इसको भुनाना शुरू कर दिया, जिससे प्रदेश (cg politics) का सियासी पारा चढ़ गया।
सिंहदेव ने यह भी कहा था कि वायदा पूरा हुआ तो किसानों के बीच भ्रम की राजनीति करने वाले विपक्ष के जवाबदेह नेता क्या करेंगे? क्या वे भी गलत आरोप और भ्रम फैलाने को स्वीकार करते हुए इस्तीफा देंगे। हालांकि टीवी डिबेट से पहले भी सिंहदेव ने एक ऐसा ट्वीट किया था, जिसको विपक्ष ने अपने अंदाज में लेते हुए सरकार को घेरा था।
डॉ. रमन बोले- सियासी नौटंकी का यही हश्र है
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सिंहदेव द्वारा इस्तीफे की चुनौती वाले बयान को भूनाते हुए सरकार पर निशाना साधा था। वे इसे कांग्रेस में चल रहा असंतोष बताने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की दगबाजी, वादाखिलाफी और सियासी नौटंकियों का तो एक-न-एक दिन यही हश्र होना था। उन्होंंने कहा कि भाजपा लगातार जिन मुद्दों पर प्रदेश सरकार की आलोचना कर रही है, सिंहदेव के इस्तीफे की पेशकश से उस पर मुहर लग रही है। उन्होंने यह भी कहा था जिनमें नैतिकता है वे बोल रहे हैं।
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