- फर्जी दस्तावेजों से आदिवासी किसानों के नाम के एटीएम कार्ड जारी करवाए
- इन्हें किसानों को नहीं दिया, खुद ही नकालने लगे राशि
- आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित बांसकोट का मामला
- किसानों ने प्रबंधक व सहयोगियों पर लगाया एटीएम के इस्तेमाल का आरोप
कोण्डागांव/नवप्रदेश। प्रदेश (cg paddy procurement) में धान बेच चुके आदिवासी किसानों (cheating with tribal farmers) के नाम का एटीएम कार्ड (atm card) फर्जी दस्तावेजों के सहारे हथियाकर उनके खाते से राशि निकाले (withdraw money from atm illegally) जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
विकासखण्ड बड़ेराजपुर (baderajpur block) के अन्तर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित बांसकोट के किसानों से यह ठगी की जा रही है। पीडि़त आदिवासी किसानों (cheating with tribal farmers) ने पुलिस चौकी बांसकोट में इसकी लिखित शिकायत भी की है। पीडि़त किसानों की मानें तो उनके नाम पर आज तक न तो कोई एटीएम बना और न ही उन्हें यह प्राप्त हुआ है।
प्रदेश (cg paddy procurement) के बड़ेराजपुर (baderajpur block) विकासखंड के किसानों का आरोप है कि लेम्पस प्रभारी प्रबंधक जसराज एवं उनके सहयोगियों ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उनके (किसानों) नाम से एटीएम कार्ड (atm card) जिला सहकारी बैंक विश्रापुरी से जारी करवा कर अपने पास रख लिए हैं और अब इन एटीएम का उपयोग करके हमारे खाते से राशि का आहरण (withdraw money from atm illegal) कर रहे हैं।
पुलिस ने ऑपरेटर को किया गिरफ्तार
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कंप्यूटर ऑपरेटर जैतन शोरी को गिरफ्तार कर उस पर भादंवि की धारा 409,420 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। किसानों का आरोप है कि इस पूरे मामले में लैम्पस प्रबंधक की संलिप्ता से इंनकार नहीं किया जा सकता।
किसानों की आपबीती उन्हीं की जुबानी
पासबुक एंट्री कराते ही हो गया हैरान : पंडीराम
किसान पंडीराम मरकाम निवासी राहटीपारा ने बताया, ‘आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित बांसकोट में जनवरी में धान बेचा था। जिसकी रकम मेरे जिला सहकारी बैंक विश्रामपुरी के खाता क्रमांक-605010002904 में जमा हई। पासबुक एंट्री कराने के बाद मैं हैरान हो गया। पता चला कि मेरी जानकारी के बगैर मेरे खाते से रकम निकाल ली गई।
जिस पर मंैने केशियर से संपर्क किया तब जाकर मुझे ज्ञात हुआ कि किसी ने मेरे एटीएम कार्ड का उपयोग करते हुए राशि जमा होते ही निकाल ली है। जबकि मेरे पास कोई एटीएम कार्ड ही नहीं है। मुझे शक है कि मेरे नाम केे एटीएम कार्ड का इस्तेमाल लैम्पस प्रभारी प्रबंधक बांसकोट एवं उनके सहयोगियों के द्वारा किया जा रहा है और मैं ठगी का शिकार हो रहा हूं।
कैशियर ने बताया तो पता चला कि एटीएम से निकला पैसा
पीडि़त किसान पीलूराम मरकाम ने बताया, ‘मैंने 31 जनवरी को 59.60 क्विंटल धान बेचा था। जिसकी राशि जिला सहकारी बैंक विश्रामपुरी के खाता क्रमांक-605010037461 में जमा हुई थी। मैंने अपने खाते से पहली बार 30000.00 रुपए निकाले और दोबारा पैसा निकालने के लिए जाने पर कैशियर ने कहा कि मेरे खाते में रकम कम है एटीएम से पैसे निकाल लेना।
उसने यह भी बताया कि, मेरे खाते से एटीएम से तीन से चार दफा राशि का आहरण हो गया है, जो कि मेरी जानकारी में नहीं है। मेरे नाम से मेरे पास कोई भी एटीएम कार्ड नहीं है। निश्चित ही मेरे नाम के एटीएम कार्ड का उपयोग लैम्पस प्रभारी प्रबंधक बांसकोट एवं उनके सहयोगियों के द्वारा किया जा रहा है।’
मुझे इस मामले की कोई लिखित सूचना नहीं मिली है। मौखिक सूचना ही मिली है। ब्रांच स्तर से ही राशि आहरित होने के संबंध में जानकारी मिल पाएगी।
-मो. फैज, प्रबंधक जिला सहाकारी बैककिसानों की शिकायत के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की जांच की जा रही है।
-देवेंद्र दर्रो (थाना प्रभारी विश्रामपुरी)