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CG Liquor Scam : घोटाला छत्तीसगढ़ का FIR नोएडा में, ED से राहत मिली तो पुलिस का कसा शिकंजा

Excise Department Changed Sales Rules :

Excise Department Changed Sales Rules :

0 अनवर ढेबर समेत 2 IAS अफसरों, एपी त्रिपाठी और होलोग्राम कारोबारी पर नोएडा में FIR

0 फर्जी होलोग्राम की आपूर्ति के लिए टेंडर और प्रति होलोग्राम 8 पैसा कमीशन का मामला दर्ज

रायपुर/नवप्रदेश। CG Liquor Scam : प्रवर्तन निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर हेमंत कुमार ने नोएडा के कासना थाना में शराब घोटाले के आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करवाई है। इस मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। अब छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले के आरोपियों समेत दिल्ली के आरोपी विधू गुप्ता पर जल्द नोएडा की पुलिस कार्रवाई करेगी। मेडिकल ग्राउंड्स पर जमानत पर बाहर आये कारोबारी अनवर ढेबर समेत अन्य आरोपियों के लिए यह परेशै का सबब बन सकता है।

बता दें कि अपात्र होने के बाद भी CG Liquor Scam : शराब घोटाला जांच में ED को पता चला कि नोएडा स्थित आरोपी विधू गुप्ता की कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को अवैध तरीके से खड़ा किया गया। इसे गलत तरीके से छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग को होलोग्राम की आपूर्ति के लिए टेंडर दिया गया। इस कंपनी के मालिकों, राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का काम किया।

जानकारी के मुताबिक CG Liquor Scam : प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन कंपनी से लिए जाने का दावा ED कर रही है। बताते हैं कि नोएडा में डुप्लीकेट होलोग्राम बनाने वाले कारोबारी गुप्ता ने ED की जांच में बताया कि अरुण पति त्रिपाठी मुझे टेलीफोन पर कई सीरियल नंबर देते थे, ये होलोग्राम की संख्या वो होती थी जो पहले ही मुद्रित की जा चुकी है और उत्पाद शुल्क को आपूर्ति की जा चुकी है। इसके बाद फर्जी होलोग्राम बनते थे। इसे शराब की बोतलों पर लगा दिया जाता था। इससे राज्य के खजाने को 1200 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ और आरोपियों को अवैध लाभ हुआ।

अब तक 180 करोड़ की चल-अचल संपत्ति अटैच

अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अफसर अनिल टुटेजा से 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की गई है। कैश, एफडी भी होल्ड किए गए हैं। शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। ढेबर से जुड़ी जांच रायपुर, भिलाई और मुंबई में की गई। नवा रायपुर में 53 एकड़ भूमि मिली। इसकी कीमत करीब 21.60 करोड़ रुपए बताई गई। ये अनवर ढेबर द्वारा ज्वाइंट वेंचर के रूप में इस्तेमाल की गई थी। 20 लाख रुपए की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मुंबई में मिले थे। 1 करोड़ की बेहिसाब निवेश अरविंद सिंह और उनकी पत्नी पिंकी सिंह के साथ किए गए थे। ईडी ने त्रिलोक सिंह ढिल्लन की 27.5 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट फ्रीज कर दी थी। 28 करोड़ रुपए के आभूषण भी जब्त किए थे।

सुको से आरोपी को रहत के बाद ED का प्लान बी

दो सप्ताह पहले छत्तीसगढ़ में ईडी की ओर से दर्ज 2000 करोड़ रुपए की कथित आबकारी गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अनुसूचित अपराध के अभाव में कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर ही रोक लगा दी है। अब ED ने नोएडा में केस दर्ज करवाकर ये साफ कर दिया है कि दूसरे तरीके से आरोपियों को घेरने का प्रयास जारी रहेगा।

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