जगदलपुर/नवप्रदेश। CG Liquor Ban : प्रदेश में शराबबंदी की चर्चाओं के बीच आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बड़ा बयान दिया है। कवासी लखमा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में अगर शराबबंंदी हो भी गया तो बस्तर में शराबबंदी नहीं होगी। जब तक वो जिंदा है बस्तर में शराबबंदी नहीं होगी। कवासी लखमा ने शराब के कम पीने और दवा की तरह पीने के फायदे भी बताये। बस्तर में शराब की पैरवी करते हुए कवासी ने कहा कि मजदूरों और मेहनतकशों के लिए शराब जरूरी है। कवासी लखमा ने शराब को आदिवासियों की जरूरत बताते हुए कहा कि जब तक वे जीवित हैं, बस्तर में शराबबंदी नहीं होगी।
बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा के इस बयान के बाद सियासी बवाल बढ़ना तय है। उन्होने कहा कि थोड़ी-थोड़ी पीने से कोई नुकसान नहीं पहुंचता। अधिक शराब सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। कुल मिलाकर बस्तर में शराब संस्कृति को वे संरक्षण देते नजर आए। इससे पहले शुक्रवार को ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने शराबबंदी पर सरकार की मंशा स्पष्ट करते हुए कहा था कि जब तक लोग शराब पीना नहीं छोड़ेंगे तब तक शराबबंदी नहीं हो सकती है. इस बयान पर छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर शराबबंदी का वादा कर मुकर जाने का आरोप लगाया है और इसे राज्य की महिलाओं का अपमान बताया है।
सीएम ने शराबबंदी पर कही थी ये बात
शराबबंदी पर CM भूपेश बघेल ने कहा कि शराबबंदी सिर्फ दुकान बंद कर देने से नहीं होगा, समाज के लोगों को जब तक शराबबंदी के प्रति जागरूक नहीं किया जायेगा, तब तक शराबबंदी संभव नहीं है। उन्होंने कहा था कि, हम नशाबंदी की तरफ बढ़ना चाहते हैं, लेकिन जब तक समाज इसमें शामिल नहीं होता, तब तक संभव नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शराब सामाजिक बुराई है- बात केवल शराबबंदी की नहीं है, हम नशाबंदी की बात कह रहे हैं। हमने कोरोना काल लॉकडाउन के दौरान देखा है। गुडाखू जैसे नशा के लिए छोटे-छोटे दुकान में पांच के डिब्बा को कई सौ रुपया में तो कहीं पचास रुपया में ख़रीद (CG Liquor Ban Breaking) रहे थे।