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CG Gothan : अजमेर से 36 घंटे का सफर तय कर ‘बकरियां’ पहुंचीं छत्तीसगढ़, क्यों…?

CG Gothan: 'Goats' reached Chhattisgarh after traveling for 36 hours from Ajmer, why...?

CG Gothan

दुर्ग/नवप्रदेश। CG Gothan : गौठानों में गिर और साहीवाल नस्ल के गौवंशों के साथ अब उच्च नस्ल की बकरियां भी वितरित की जा रही हैं। आज अजमेर से सिरोही, कोटा और गुर्जरी नस्ल के 110 बकरियां बकरे-बकरी लाये गये। 36 घंटे का सफर तय कर बोरी पहुंचे इन मवेशियों को कुछ समय सुस्ताने के बाद इनके गौठानों में पहुंचा दिया गया।

16 महीने में 80 किलो का बकरा होता तैयार

इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत सीईओ (CG Gothan) अश्विनी देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के निर्देशानुसार गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर बनाना है और पशुधन के विस्तार के लिए तैयार करना है। गौवंशी मवेशियों के नस्ल सुधार पर काम हो ही रहा था अब बकरीपालन को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जनपद पंचायत के एडीईओ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सिरोही प्रजाति की बकरियों की खासियत मीट को लेकर है।

16 महीनों में बकरों का वजन 80 किलो तक हो जाता है। प्रेग्नेंसी के बाद साढ़े पांच महीने में एक बेबी का जन्म होता है। फिर उतने ही अंतराल के बाद दो बेबी का जन्म होता है। इन बकरियों के आने के बाद स्थानीय बकरियों के नस्ल सुधार की अच्छी संभावनाएं बनेंगी।

उच्च नस्ल मानी जाती है सिरोही

साथ ही गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधि बढ़ने से आय का भी विस्तार होगा। उल्लेखनीय है कि आज धमधा ब्लाक के पथरिया, डोमा, कोडिया, बोरी, नंदिनीखुंदिनी, बिरेभाठ, कपसदा, गोढ़ी, मातारा में इन बकरियों के सेट भेजे गये। उल्लेखनीय है कि इसके साथ ही इन गौठानों में बायोफ्लाक के माध्यम से मत्स्य उत्पादन का कार्य भी आरंभ किया जा रहा है।

इस तरह से पशुपालन के समग्र विकास (CG Gothan) का लाभ गौठान की स्वसहायता समूह की दीदियां उठा सकेंगी। आज जब ये बकरियां आईं तो इन्हें देखने का उत्साह था और गौठानों में ग्रामीण देखने आये कि सिरोही और गुर्जरी प्रजाति की बकरियां हमारी स्थानीय बकरियों से किस तरह से अलग दिखती हैं।

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