-पिछले चुनाव में दो बार के मंत्री और तीन बार के विधायक भी हार चुके है चुनाव
हेमन्त धोटे
रायपुर/नवप्रदेश। CG Election 2023: विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 7 नवंबर को बस्तर में मतदान होना है। वहीं बस्तर का अबूझमाड़ इलाका ऐसा है जो चुनाव के समय में काफी चर्चा में होता है। अबूझमाड़ एक ऐसा इलाका है जिसे नक्सलियों का गढ़ कहा जाता है और यह घने जंगलो से घिरा हुआ है।
इस इलाके में चुनाव प्रचार के लिए दोनों ही दलों के प्रत्याशी ना ही चुनाव प्रचार करते है और ना ही इन इलाकों में जाने की हिम्मत जुटा पाते है। वहीं निर्वाचन आयोग भी इस इलाके के लिए सतर्कता बरती है। कई ऐसे इलाके है जहां निवार्चन अधिकारी हेलिकॉप्टर के माध्यम से पहुंचते है।
अबूझमाड़ घने जंगलों से घिरा हुआ है। इसमें लगभग 200 से ज्यादा गांव और 40,000 से ज्यादा आबादी वाला यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के साथ महाराष्ट्र की सीमा से भी लगा हुआ है। अबूझमाड़ का क्षेत्र दंतेवाड़ा, बीजापुर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की सीमा से लगा हुआ है। विधानसभा चुनाव के हिसाब से देखा जाए तो इसका विधानसभा क्षेत्र नारायणपुर जिले में आता है।
राजनीतिक दलों के लिए अबूझमाड़ अब तक निर्णायक भूमिका निभाते आया है। वर्ष 2018 के चुनाव को देखा जाए तो भाजपा के कददावर मंत्री केदार कश्यप जो कि दो बार मंत्री और तीन बार विधायक रह चुके है उनको कांग्रेस प्रत्याशी चंदन कश्यप ने दो हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव में हरा दिया था।
चुनाव प्रचार से बच रहे
इस बार के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता अबूझमाड़ में चुनाव प्रचार अभियान में रूची नहीं दिखा रहे है क्योंकि चुनाव से पहले ही वहां कुछ भाजपा नेताओं पर हमला हो चुका जिसकी वजह से अबूझमाड़ क्षेत्र में दोनों ही दलों का चुनाव प्रचार करने का जोखिम लेने बच रहे हैं।
12 सीटों पर होगा मतदान
बस्तर संभाग के 7 जिलों में 12 विधानसभा में सीटों पर मतदान होना है। इन सीटों में कांकेर और बस्तर तीन-तीन, कोंडागांव में दो सीट और नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर में एक-एक सीटों पर मतदान होना है।
दो हजार मतदान केन्द्र लाइव वेबकास्ट से नजर
निर्वाचण अधिकारी के मुताबिक इस बार बस्तर में भी लाइव वेबकास्ट की व्यवस्था की गई जिसमें पहली बार 2000 मतदान केन्द्रों पर निगरानी की व्यवस्था की गई है। जिससे पल-पल की घटना रिकार्ड रूम में दर्ज होगी। लाइव वेबकास्ट की सुविधा पहुंच विहीन अबूझमाड़ में इसकी सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
2018 में हुए मतदान का प्रतिशत
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में अबूझमाड़ के ओरछा विकास खंड में सबसे कम मतदान हुआ था जहां केवल 32.40 प्रतिशत मतदान हुआ था। जो राज्य के औसत 76.45 प्रतिशत के आधे से भी कम है। नारायणपुर जिले में कुल मिलाकर 74.88प्रतिशत मतदान हुआ था।