रायपुर/नवप्रदेश। cg vidhansabha: छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस बार कांग्रेस ब्राम्हणविहीन हो गई है। 2000 से लेकर अब तक यह पहली बार होगा। जब सदन में एक भी कांग्रेस से ब्राम्हण समाज का कोई विधायक नहीं होगा। जबकि सत्ता में फिर लौटी बीजेपी के 4 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इसके अलावा दो अल्पसंख्यक समुदाय के प्रत्याशी रहे मोहम्मद अकबर और कुलदीप जुनेजा भी चुनाव हार गए। इस तरह अब विधानसभा में कोई अल्पसंख्यक विधायक भी नहीं होगा।
2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 8 ब्राम्हण समाज के प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था। जहां सभी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। वहीं बीजेपी ने 6 प्रत्याशी उतारे थे जिनमें 4 जीते और 2 हार गए। कांग्रेस की बात करें तो रायपुर ग्रामीण से इस बार सत्यनारायण शर्मा की जगह उनके बेटे पंकज शर्मा, रायपुर पश्चिम से विकास उपाध्याय, रायपुर दक्षिण से महंत रामसुंदर दास, गरियाबंद जिले के राजिम विस से अमितेश शुक्ल, दुर्ग शहर से अरूण वोरा, बेमेतरा जिले के साजा सीट से रविंद्र चौबे, बिलासपुर से शैलेष पांडेय और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के बलौदाबाजार सीट से शैलेष नितिन त्रिवेदी चुनावी मैदान में थे।
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भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो रायपुर जिले के धरसींवा सीट से अनुज शर्मा, कवर्धा से विजय शर्मा, बेलतरा सीट से सुशांत शुक्ला, रायपुर उत्तर से पुरंदर मिश्रा, भाटापारा से शिवरतन शर्मा और भिलाई नगर से पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय चुनावी मैदान में थे। इनमें अनुज शर्मा, विजय शर्मा, सुशांत शुक्ला और पुरंदर मिश्रा तो जीत गए, लेकिन प्रेमप्रकाश पांडेय और शिवरतन शर्मा चुनाव हार गए।
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छत्तीसगढ़ में राजनीतिक पार्टियां जाति का समीकरण बिठाकर ही अपने प्रत्याशी तय करती रही हैं। कुल 90 विधानसभा सीटों में से 39 रिजर्व हैं। 29 एसटी और 10 एससी वर्ग के लिए। 51 सीटें सामान्य हैं। प्रदेश की आधी सीटों पर सबसे ज्यादा प्रभाव ओबीसी का है। चूंकि, 47 प्रतिशत आबादी ओबीसी है, इसलिए एक चौथाई विधायक इसी वर्ग से आते हैं। इस बार दोनों दलों को मिलकार 35 विधायक ओबीसी वर्ग से जीते हैं।