छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से (CG Dhan Kharidi 2025) धान खरीदी प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इस बार राज्यभर के लगभग 26 लाख किसान अपना धान बेचेंगे। किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान बेचने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए पूरे राज्य में 2739 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। धान खरीदी 31 जनवरी 2026 तक चलेगी।
सरकार ने दावा किया है कि इस बार खरीदी की पारदर्शिता और भुगतान की गति दोनों में सुधार होगा। खरीदी के सात दिनों के भीतर ही किसानों के खातों में रकम भेज दी जाएगी। साथ ही प्रक्रिया को अधिक तकनीकी रूप से सुरक्षित बनाने के लिए (Agristack Portal for CG Dhan Kharidi) एग्रीस्टैक पोर्टल और ई-केवायसी प्रणाली लागू की गई है। किसानों से कहा गया है कि वे खरीदी केंद्र जाने से पहले एग्रीस्टैक पंजीकरण, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भू-अभिलेख और फसल विवरण अपने साथ रखें।
अवैध धान परिवहन पर सख्ती
राज्य सरकार ने अवैध धान परिवहन पर सख्ती करते हुए सीमावर्ती जिलों में (CG Dhan Kharidi Checkpost Monitoring) चेकपोस्ट स्थापित करने का निर्णय लिया है। ओडिशा और अन्य राज्यों से अवैध रूप से धान की आवाजाही रोकने के लिए 16 प्रमुख बॉर्डर चेकपोस्ट बनाए जा रहे हैं। यहां राजस्व, कृषि, वन और पुलिस विभाग के अधिकारी 24 घंटे निगरानी करेंगे। साथ ही सभी जिलों में छोटे स्तर पर भी निगरानी चौकियां बनाई जा रही हैं ताकि राज्य की खरीदी प्रणाली में बाहरी धान न शामिल हो सके।
पिछले साल की तुलना में लक्ष्य बड़ा
पिछले साल (2024-25) में राज्य में करीब 149 लाख टन धान खरीदा गया था। इस वर्ष सरकार ने 160 लाख टन (Target for CG Dhan Kharidi) धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया है। सभी खरीदी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे, डिजिटल वजन मशीनें और ऑनलाइन डेटा एंट्री की व्यवस्था की गई है। इस बार खरीदी डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम से संचालित होगी, जिससे धान खरीदी प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे।
कमांड सेंटर से होगी निगरानी
धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता रोकने के लिए मार्कफेड में “इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर” बनाया जा रहा है। जिला स्तर पर भी कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, जहां से सभी खरीदी केंद्रों की वास्तविक समय में निगरानी होगी। प्रत्येक केंद्र की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी गई है। शून्य सूखत धान लाने वाली समितियों को प्रोत्साहन के तौर पर प्रति क्विंटल पांच रुपये अतिरिक्त राशि दी जाएगी। यह व्यवस्था बेहतर गुणवत्ता वाला धान लाने वाले किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।
राज्य को 73 लाख टन चावल भेजने का लक्ष्य
इस साल छत्तीसगढ़ को सेंट्रल पूल में 73 लाख टन चावल भेजने का लक्ष्य मिला है। सरकार का कहना है कि किसानों की उपज की खरीदी और भुगतान समयसीमा के भीतर पूरा किया जाएगा। विभाग का फोकस इस बार गुणवत्ता नियंत्रण, ऑनलाइन ट्रैकिंग और जवाबदेही पर रहेगा।

