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CG Budget 2021 : न्याय की मजबूत बुनियाद से नए फलक की ओर…

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CG Budget 2021-22 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेश किया वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट

बजट एक नजर में

कुल आय – 97 हजार 145 करोड़ रुपए
कुल व्यय – 97 हजार 106 करोड़ रुपए
राजकोषीय घाटा – 17 हजार 461 रुपए (जीएसडीपी का 4.56 फीसदी)

नई योजनाएं व नवाचार

रायपुर/नवप्रदेश। cg budget 2021-22 : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राज्य का बजट पेश किया। बजट में न्याय योजनाओं के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत हुई नींव के सहारे छत्तीसगढ़ राज्य को और नई उंचाई पर ले जाने का संकल्प परिलक्षित होता है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण की शुरुआत अंग्रेजी के शब्द Height से करते हुए इसके एक-एक अक्षर पर आधारित बजट की खूबियों का ब्योरा दिया।

इस ब्योरे की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने किसान, पशुपालकों व मछुआरों को न्याय का जिक्र किया। भाषण का अंत भी उन्होंने न्याय के लिए एक शायरी पढ़कर किया। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में 5 हजार 703 करोड़ रुपए का प्रावधान किए जाने की जानकारी दी। दूसरे नंबर पर उन्होंने गोधन न्याय का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए 175 करोड़ रुपए के प्रावधान की बात कही।

मुख्यमंत्री ने राज्य (cg budget 2021 22) में किसान न्याय योजना का दायरा बढ़ाने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए भी अलग से न्याय योजना शुरू की जाएगी। बजट में मुख्यमंत्री द्वारा अंग्रेजी के शब्द height का जिक्र करते हुए कहा कि इसके हर हर एक अक्षर में विकास के विभिन्न आयाम समाहित हैंं। मुख्यमंत्री ने उक्त शबद के एक एक अक्षर के जरिए अपने बजट के बिंदुओं का उल्लेख भी किया, जिसमें एच से होलिस्टिक डेवलपमेंट (समग्र विकास), ई- एजुकेशन (शिक्षा सबके लिए समान अवसर), आई-इन्फ्रास्ट्रक्चर (अधोसंरचना-विकास के पोषक), जी-गवर्नेंस (प्रशासन-संवेदनशील एवं प्रभावी), हेल्थ (स्वास्थ्य: स्वस्थ तन सबसे बड़ा धन) बताया गया।

मुख्यमंत्री ने अंत में कहा-
रास्ते की अड़चनों से, हम कभी डरते नहीं।
बात हो जब न्याय की, पीछे कभी हटते नहीं।।

समग्र विकास

इसका अर्थ समझाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र विकास का लाभ हमारे किसानों को, श्रमिकों को, वनवासी भाईयों को, माताओं और बच्चों को समान रूप से प्राप्त होता है। विकास की इस अवधारणा में बड़े नगरों का आधुनिकीकरण के साथ-साथ सूदूर दुर्गम क्षेत्र के गांवों में भी बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं। विकास की इस प्रक्रिया में सुशासन की स्थापना के लिये आधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करते हैं, साथ ही अपनी संस्कृति और परम्पराओं का संरक्षण कर उन्हें चिरंजीवी रखने के लिये भी पूर्ण प्रयास करते हैं।

खेती, किसान, पशुपालकों के लिए ये सौगातें :

-राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-बस्तर संभाग के 7 आदिवासी बहुल जिले एवं मुंगेली जिले से चयनित कुल 14 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा तथा किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग योजना के लिए 2021-22 के बजट में 150 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मछुआरों के लिए राशि

-वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में 79 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु इसे कृषि के समान दर्जा दिये जाने की कार्रवाई की जायेगी।
-वर्ष 2021-22 के बजट में मत्स्य पालन की गतिविधियों के लिये 171 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।


श्रमिकों, कामाकाजी महिलाओं की ऐसे ली सुध:

वन आश्रितों को सहायता

-शहीद महेंद्र कर्मा तेंदू पत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में इस हेतु 13 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

पत्रकारों को सहायता


राज्य (cg budget 2021-22) में पत्रकारों की दुर्घटनाजन्य आकस्मिक मृत्यु के प्रकरणों में दी जाने वाली सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जायेगा।

महिलाओं और बच्चों को पोषण और सुरक्षा

-महिलाओं के पोषण में सुधार के लिए द्वितीय संतान बालिका के जन्म पर राज्य द्वारा 5 हजार रुपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जायेगी। इसके लिये नवीन कौशल्या मातृत्व योजना प्रारंभ की जायेगी।
-बच्चों की देखरेख सुरक्षा एवं संरक्षण संबंधी कार्यों के लिये एकीकृत बाल संरक्षण योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 47 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-विशेष पोषण आहार योजना में 732 करोड़, आंगनबाडिय़ों का सुधार एवं निर्माण योजना में 39 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

बुजुर्गों एवं दिव्यांगजनों का ख्याल


निराश्रितों एवं बुजुर्गों को मासिक पेंशन हेतु सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 343 करोड़, राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में 190 करोड़ एवं मुख्यमंत्री पेंशन योजना में 170 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

नगरी क्षेत्रों के लिए भी खोला खजाना, स्वच्छता दीदियों का मानदेय बढ़ा :

-विभिन्न शासकीय सेवाओं की घर पहुंच सेवा के लिये मुख्यमंत्री मितान योजना में 10 करोड़ का प्रावधान।

ग्राम विकास


-महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना हेतु वर्ष 2021-22 के बजट में 1603 करोड़ का प्रावधान।छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 2021-22 में 4 सौ करोड़ का प्रावधान।

आधुनिक प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन

छत्तीसगढ़ी कला, संस्कृति एवं पर्यटन का विकास


-राज्य की पुरातात्विक धरोहरों के अध्ययन, खोज एवं संधारण कार्यों को गति देने के लिये पुरातत्व विभाग के पृथक संचालनालय का गठन किया जायेगा।

वन एवं पर्यावरण :

शिक्षा के लिए ये प्रावधान


-119 नये अंग्रेजी माध्यम स्कूल 2021-22 के बजट में प्रस्तावित किये गये हैं।

स्वच्छ पेयजल

उद्योग : फूड पार्कों के लिए 50 करोड़


नवीन फूडपार्क की स्थापना हेतु 110 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन और 45 विकासखण्डों में भूमि का अधिपत्य उद्योग विभाग को प्राप्त हो चुका है। इस योजना हेतु बजट में 50 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
-राज्य में 350 करोड़ की लागत से पंडरी जिला रायपुर में 10 एकड़ भूमि पर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क की स्थापना की जा रही है।
-नये औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना हेतु 65 करोड़ तथा औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना उन्नयन कार्य हेतु 10 करोड़ का प्रावधान।
-विद्युतीकृत ग्रामों के शेष रह गये पारा-टोलों तक विद्युत लाइन पहुंचाने के लिये मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना में 45 करोड़।

सोयटियों को एकमुश्त 50-50 हजार


-बायो एथेनॉल उत्पादन के अनुसंधान कार्य हेतु ग्राम गोढ़ी जिला बेमेतरा में प्रदर्शनी संयंत्र की स्थापना की जायेगी। संयंत्र में जैव ईंधन के उत्पादन के लिये अतिशेष धान अथवा मक्का इत्यादि कच्ची सामग्री का उपयोग किया जायेगा।
-समितियों में धान उपार्जन सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिये प्रत्येक समिति को 50 हजार रूपये की एकमुश्त सहायता दी जायेगी। इसके लिये 2021-22 के बजट में 3 करोड़ 63 लाख का प्रावधान रखा गया है।

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