Site icon Navpradesh

CG BIG NEWS : शहीद महेंद्र कर्मा के डिप्टी कलेक्टर बेटे आशीष कर्मा की ‘बुलेट प्रूफ’ सुरक्षा में चूक !

CG BIG NEWS :

CG BIG NEWS :

0 महीने भर से ख़राब है जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त बेटे की बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो

रायपुर/नवप्रदेश। CG BIG NEWS : झीरम कांड के शहीद महेंद्र कर्मा के जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त बेटे आशीष कर्मा इन दिनों बिना सुरक्षा के ही ऑफिस जा रहे हैं। रायपुर से रोज़ाना बसना आना-जाना उन्हें बिना(bullet proof)बुलेट प्रूफ वाहन के करना मज़बूरी है। दरअसल उन्हें सुरक्षा के मद्देनज़र अलॉट की गई बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो एक महीने से ज्यादा हो गए ख़राब पड़ी है।

बता दें शहीद महेंद्र कर्मा के पुत्र को अनुकंपा पर राज्य सरकार ने डिप्टी कलेक्टर पद दिया है। आशीष अभी बसना सीईओ है। उनके सुरक्षा दस्ते में (bullet proof) गाड़ी संख्या क्रमांक सीजी-03, 6209 बीपी स्कार्पियो है। उनके सुरक्षा दस्ते में तैनात एक स्टाफ का कहना है कि बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो बीते महीने भर से ज्यादा दिनों से पुलिस लाइन रायपुर में बनने खड़ी है।

जानकारी के मुताबिक महासमुंद पुलिस ने गाड़ी को रायपुर पुलिस लाइन वर्कशॉप बनने भेजा था। लेकिन आशीष कर्मा की बुलेट प्रूफ स्कॉर्पियो पुलिस लाइन स्थित एमटी वर्कशॉप के अंदर पार्क करने की बजाये पुराने पुलिस अस्पताल के पास लावारिस हालत में खड़ी है।

इतना खर्च होगा

जानकारी के मुताबिक तक़रीबन 1 लाख रुपए खर्च आएगा। महासमुंद से लेकर संबंधित महकमों से पीएचक्यू को पत्र भी भेजा गया है। पत्र का जवाब तो दूर दूसरी बुलेट प्रूफ गाड़ी भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है। वीआईपी सुरक्षा मे गंभीर चूक का नमूना है कि नक्सलियों की हिट लिस्ट में रहे कर्मा परिवार के पुत्र बिना काफिले के नक्सल इफेक्टेड महासमुंद जिला में रोज आना-जाना कर रहे हैं। इस तरह की चूक और स्पेयर मे बीपी गाड़ी के नहीं होने से जेड प्लस सुरक्षा मे गंभीर खामियां कहना गलत न होगा।

क्या है प्रक्रिया

महासमुंद एमटीओ की जिम्मेदार बनती है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण उन्होंने स्कॉर्पियो को बनने के लिए रायपुर भेज दिया। उसके बाद वो भी भूल गए कि गाड़ी बनी या नहीं। जबकि उनके जिले में आशीष कर्मा पदस्थ हैं तो प्रक्रिया के तहत उनकी ड्यूटी बनती है इसकी मॉनिटरिंग। लेकिन महीने भर से नॉर्मल स्कार्पियो मे कर्मा पुत्र आना जाना कर रहे हैं। देखा जाए तो इसकी जिम्मेदारी IG इंट की भी है। क्योंकि वीआईपी सुरक्षा की कहीं न कहीं जिम्मेदारी उनकी भी हैं। ऐसे में रायपुर एमटी पुल, पीएचक्यू, इंट और महासमुंद पुलिस की बेफिक्री समझ से परे है।

बेफिक्री या उदासीनता

महासमुंद जिले में पूर्व में भी नक्सल वारदात घट चुकी है। वैसे भी जिला नक्सल प्रभावित इलाक़ा है। पीएचक्यू में दूसरी गाड़ी की व्यवस्था के लिए पत्र गया पर पत्र शायद अफसरों की फाइल मे दबा हुआ है। कर्मा परिवार नक्सलियों की हिट लिस्ट में है और केंद्र से परिवार को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। अगर कोई अनहोनी हो जाये तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी या बड़ा सवाल है। कौन बेफिक्र है और कौन उदासीन… यह शासन के लिए जांच का विषय है। जब इस मामले में जिम्मेदारों से संपर्क साधा गया तो वे उपलब्ध नहीं हो सके।

Exit mobile version