CG Assembly : छत्तीसगढ़ विधानसभा में अंतिम दिन धान पर गरमाया सदन, नान का कोटा बढ़ाएगी सरकार,स्पीकर ने दिए जल्द निराकरण के निर्देश
रायपुर/नवप्रदेश। CG Assembly : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन विपक्ष के तल्ख तेवर दिखाई दिया। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जमकर नोक झोक हुई। जिसमे सरकार ने बखूबी अपना बचाव किया।
सदन में समर्थन मूल्य पर धान ख़रीदी के बड्ड अब तक उपार्जन केंद्रों से स्टॉक का उठाव न होने का मुद्दा उठाया। भाजपा के विधायक शिव रतन शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि 21 लाख मीट्रिक टन धान के अब तक उठाव नहीं हुआ है। केंद्रों में पड़े धान बेमौसम बारिश होने से अब सड़ने लगे हैं। और प्रासंगिक व्यय भी कम कर दिए है।
प्रश्नकाल में भाजपा के शिवरतन शर्मा ने संग्रहण केंद्र में शेष धान को और नुक़सान को लेकर प्रश्न किया।
खाद्य मंत्री ने जवाब (CG Assembly) देते हुए कहा कि 21 लाख मीट्रिक टन धान संग्रहण केंद्रों में है। नियम से 72 घंटे के भीतर उठाव होना चाहिए जो नहीं हो पाया है। वहीँ सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह ने सदन में कहा कि 72 घंटा में उठाव होना चाहिए,नहीं हुआ लेकिन कोई दोषी नहीं है।
भाजपा की ओर से सवाल हुआ कि सात महीने से उपर का समय हो गया, धान जो नुक़सान हुआ उसका ज़िम्मेदार कौन है ? मंत्री अमरजीत कह चुके हैं सूखत नहीं लेंगे। अब धान उपार्जन केंद्र में ही रखा है तो सूखत होगा तो दोषी कौन होगा,क्योंकि नुकसान तो ऐसे में धान उपार्जन केंद्र वाली समितियों का होगा। जवाबदेही कैसे तय नहीं होगी? इस सबके बीच स्पष्ट जवाब का अभाव देखते हुए विपक्ष ने सदन के भीतर जोरदार हंगामा किया।
सहकारिता मंत्री टेकाम (CG Assembly) ने विपक्ष के सवाल का जवाब डेडते हुए आसंदी को कहा कि प्रदेश में पहले धान का उठाव कम होता था,अब इसकी मात्रा में भारी इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि एफसीआई ने 60 लाख मीट्रिक तन चावल की डिमांड की थी लेकिन नहीं लिया गया। इस पर स्पीकर ने सरकार को जल्द बैठक कर निराकरण करने का निर्देश दिया।
हंगामे के बाद खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सरकार 10 लाख मिट्रिक टन नान का अतिरिक्त कोटा बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि 20 लाख 79 हजार मिट्रिक टन धान अतिरिक्त है। कस्टम मिलिंग करवाकर उसका चावल नान में जमा किया जाएगा। 10 लाख 70 हजार मैट्रिक टन धान की नीलामी भी की जाएगी। 9 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का निराकरण अब तक हो चूका है। साथ ही कहा कि 72 घंटे से ज्यादा उठाव समय यदि लगता है तो सहकारी समितियों को सरकार की और से इंसेंटिव दिया जाता है,जिसमे रखरखाव,क्षतिपूर्ति और प्रोत्साहन लिए दिया जाता है। ये सब मिलाकर 52 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कमीशन भी देय है।