Women Police : महिला हेल्प डेस्क की व्यवस्था पर जोर
नई दिल्ली। Women Police : केंद्र सरकार ने देशभर के पुलिस बलों को महिलाकर्मियों की कुल संख्या 33 फीसदी पर रखने का निर्देश दिया है, लेकिन मौजूदा संख्या सिर्फ 10.30 फीसदी है, जो कुल संख्या 20 लाख 91 हजार 488 में से 2 लाख 15 हजार 504 है।
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) द्वारा जारी 1 जनवरी, 2020 को नवीनतम पुलिस संगठनों पर आधारित डेटा के अनुसार, “यह चिंता का विषय है।”
लोकसभा में उठा था मामला
बीपीआरएंडडी ने संकेत दिया था कि मौजूदा महिला पुलिस (Women Police) जनसंख्या अनुपात अभी भी बहुत कम है। रिपोर्ट में कहा गया है, “पुलिस में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व महिलाओं और महिला अपराधियों के खिलाफ अपराधों से निपटने में गंभीर चुनौतियां पेश कर रहा है। इसलिए, यह आवश्यक है कि महिला पुलिसकर्मी अत्याधुनिक स्तर पर दिखाई दें।”
लोकसभा को यह जानकारी गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने 10 अगस्त को दी थी। सशस्त्र पुलिस सहित सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल स्वीकृत पुलिस बल 26 लाख 23 हजार 225 है, जिसमें से 5 लाख 31 हजार 737 रिक्त पद अभी भी खाली हैं।
राज्य सरकार की है महती जिम्मेदारी
पुलिस बलों में महिला पुलिसकर्मियों (Women Police) की कम संख्या के बारे में बात करते हुए, गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची-2 (राज्य सूची) में आने वाला राज्य का विषय है और यह मुख्य रूप से है लिंग संतुलन में सुधार सहित अधिक महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने समय-समय पर राज्यों को पुलिस बलों में महिलाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। सभी राज्य सरकारों से पुरुष आरक्षकों के रिक्त पदों को परिवर्तित कर महिला आरक्षक, उपनिरीक्षकों के अतिरिक्त पद सृजित करने का अनुरोध किया गया है।
उद्देश्य यह है कि प्रत्येक थाने में कम से कम तीन महिला सब-इंस्पेक्टर और 10 महिला पुलिस कांस्टेबल हों, ताकि चौबीसों घंटे एक महिला हेल्प डेस्क की व्यवस्था की जा सके।