नई दिल्ली/नवप्रदेश। केन्द्र सरकार (Central government) ने इनकम टैक्स (income tex) के बाद आज से जीएसटी (GST) के लिए नए नियम लागू (New rules apply) कर दिए जिसमें डीआईएन (DIN) यानी डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर को लागू कर दिया है।
कारोबारियों (Businessmen) के हित के लिए सुरक्षा कदम उठाया है। सीबीआईसी के आदेश के मुताबिक डिन (DIN) का इस्तेमाल उन जीएसटी मामलों में होगा जिनके उपर इन्क्वायरी चल रही है और जिनके लिए अरेस्ट और सर्च वारंट जाी हो चुका है।
गौरतलब है कि कारोबारियों (Businessmen) के सुरक्षा और उनके हितों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने नए-नए नियमों को लागू कर जीएसटी (GST) प्रणाली को और सरल बनाने का प्रयास कर रही है। 8 नवंबर (आज) के बाद से जो भी कागज जारी किया जाएगा उसमें डिन नंबर देना जरूरी होगा।
अब ये होगा
वित्त विभाग की इस पहल को लागू कर दिया गया है। विभाग से जारी हर नोटिस पर कंप्यूटर जेनरेटेड डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर होगा। साथ ही ये नंबर टैक्सपेयर्स को मिलने वाले सभी डॉक्युमेंट पर भी जरूरी हो गया है। यह सिस्टम टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी।
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क्या है डिन
टैक्स डिपार्टमेंट अब जो नोटिस जारी करता है उसमें (DIN) कंप्यूटर जेनरेटेड डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है। अगर किसी भी नोटिस पर ये नंबर नहीं है तो वो वैलिड नहीं है।
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बिना डिन मान्य नहीं होगा नोटिस
राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडेय का कहना है कि इनडायरेक्ट टैक्स पर सरकार में सबसे पहले डिन का उपयोग किसी भी जांच प्रक्रिया के दौरान जारी समन, तलाशी के लिए अधिकृत करने, गिरफ्तारी पत्रक, जांच नोटिस और पत्रों के लिए किया जाएगा।
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