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CBI Raid Breaking : सुप्रीमो की बढ़ी मुश्किलें…! बस से छापेमारी के लिए पहुंचे हैं केन्द्रीय बल के जवान…नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जेल गए विधायक के पति

आरा। CBI Raid Breaking : नौकरी के बदले जमीन मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। मंगलवार की सुबह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, पटना सहित देशभर के कई ठिकानों पर एकसाथ छापामारी की है। राजद विधायक किरण देवी और राज्यसभा सांसद प्रेम चंद गुप्ता के आवास पर भी पिछले छह घंटे से अधिक समय से तलाशी जारी है।

चर्चा है कि भोजपुर के संदेश से राजद विधायक किरण देवी के पति और पूर्व विधायक अरूण यादव ने पटना स्थित सगुना मोड़ के पास एक अपार्टमेंट में आधा दर्जन फ्लैट खरीदा था। खरीदे गए फ्लैट को लालू परिवार के नाम गिफ्ट कर दिया था। अरुण यादव लालू प्रसाद के करीबी माने जाते हैं। अरुण यादव भोजपुर के बड़े बालू कारोबारी भी हैं। आरा से लेकर पटना तक उनका कारोबार फैला है।

सूत्रों की मानें को फ्लैट के लेन-देन में पैसों का ट्रांजेक्शन बालू कंपनी के चेक से हुआ था। चर्चा है कि लंबे समय से लालू परिवार और उनके करीबियों के खिलाफ छापेमारी कर रही सीबीआई को इस मामले में ठोस जानकारी मिली थी, जिसके बाद भोजपुर के अगिआंव और पटना हार्डिंग रोड स्थित विधायक किरण देवी के दोनों आवास पर एक साथ छापेमारी हो रही है। सीबीआई के अफसर अलग-अलग गाड़ियों से पहुंचे हैं। बस से जवान आए हुए हैं।

परिवार के सदस्य भी आवास पर मौजूद

करीबी सूत्रों ने बताया कि सुबह छह बजे से किरण देवी के आवास पर छापामारी जारी है। छापामारी के दौरान विधि व्यवस्था की समस्या नहीं हो, इसके लिए केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवानों को छापामारी के दौरान तैनात किया गया है। पटना आवास पर नौकर समेत अन्य स्टाफ भी आवास पर मौजूद हैं। वहीं, अगिआंव आवास पर विधायक और पूर्व विधायक समेत परिवार के अन्य सदस्य मौजूद हैं। 

नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जेल गए विधायक के पति

बता दें कि किरण देवी के पति (CBI Raid Breaking) अरुण यादव भी राजद के विधायक रह चुके हैं। अरूण यादव पर साल 2019 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। पोक्सो के विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि 19 जुलाई 2019 को नगर थाना अंतर्गत कबीरगंज निवासी युवक के बयान पर अरुण यादव समेत दो लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी कराई गई थी।

इसके तीन साल बाद 16 जुलाई 2022 को पूर्व विधायक अरुण यादव ने पोक्सो के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार सिंह के कोर्ट में समर्पण किया था। उस समय कोर्ट के आदेश पर पूर्व विधायक को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। अरुण यादव के जेल में रहने के कारण पिछले चुनाव में उनकी पत्नी किरण देवी को राजद ने टिकट दिया था।

साक्ष्य के अभाव में किया बरी

पिछले साल 12 दिसंबर 2022 को कोर्ट से उन्हें राहत मिली थी। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय शर्मा ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व राजद विधायक यादव को बरी कर दिया था। दुष्‍कर्म के मामले में नाम आने के बाद अरुण यादव ने अपनी पत्‍नी किरण देवी को इस सीट से राजद का टिकट दिलाया था।

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