रायपुर/नवप्रदेश। CBI Investigation Into CGPSC Case : कांग्रेस CBI को नहीं आने दी, अब BJP कराएगी CGPSC परीक्षा की CBI जांच कराएगी। छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई पर पांच वर्ष से लगी रोक हटा ली है। पूर्व वर्ती बघेल सरकार ने वर्ष 2019 में केंद्रीय जांच ब्यूरो के राज्य में आकर किसी भी तरह की जांच पर रोक लगाई थी।
केवल छत्तीसगढ़ स्थित केंद्रीय विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जा सकती थी। कुछेक मामलों में ब्यूरो की टीम सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश पर यहां कर जांच कर चुकी है। साय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में इस पर निर्णय लिया गया है।
बैठक में कहा गया है कि आयोग की ओर से 2021 में आयोजित भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं की शिकायतें थीं। दरअसल, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की ओर से राज्य सेवा परीक्षा-2021 के अंतर्गत 12 विभागों के 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी। इसे लेकर काफी विवाद था। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में सरकार बनने के बाद मामले की CBI जांच कराने की बात कही थी।
CBI जांच में अभ्यर्थी होंगे यहां तलब
अंततः आज साय कैबिनेट ने यह फैसला कर सिफारिश कर दी है। जांच के तौर करीके और बिंदू अगले कुछ दिनों में अधिसूचित कर गवाही के लिए अभ्यर्थियों को भी बुलाया जाएगा। इस जांच के लिए माना रोड स्थित सीबीआई के एंटी करप्शन विंग के राज्य मुख्यालय में कार्यालय बनाया जाएगा ।
प्रदेश के युवाओं ने बड़ा विरोध किया था
170 पदों पर हुई भर्ती के लिए हुई इस परीक्षा में पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र, एक भतीजी , राजभवन में सचिव अमृत खलको को पुत्र ,समेत कुछ अफसरों और कांग्रेस नेताओं के पुत्र,पुत्री और बहु ओं का चयन किया गया था। इस सूची को लेकर चुनाव पूर्व प्रदेश के युवाओं ने बड़ा विरोध किया।
CGPSC समेत तीसरा मामला होगा
संघीय जांच एजेंसी 23 वर्ष पुराने छत्तीसगढ़ राज्य में अब तक के तीसरे प्रकरण की जांच करेगी। इससे पहले 2003-04 में रामावतार जग्गी हत्याकांड और फिर विधायक खरीद फरोख्त कांड की जांच सीबीआई कर चुकी है। CGPSC समेत तीसरा मामला होगा।
हाईकोर्ट ने भी चयनितों की पोस्टिंग रोकी
युवाओं की याचिका पर हाईकोर्ट ने भी पीएससी पर सरकार के उपर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए चयनितों की पोस्टिंग पर रोक लगा दी है। भाजपा, यहां तक की पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी सभाओं में पीएससी के घोटाले बातों को जेल भेजने की बात कहते रहे हैं। भाजपा ने युवाओं को वोट हासिल करने इस घोटाले की सीबीआई जांच का वादा अपने संकल्प पत्र में भी किया था।