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युगांडा में आयोजित 64वें राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन में बोले विस अध्यक्ष डॉ. महंत
रायपुर/नवप्रदेश। युगांडा की राजधानी (capital of uganda) कंपाला (kampala) में आयोजित 64वें राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन (64th commonwealth parliamentary conference) के दूसरे दिन (second day) आयोजित कार्यशाला में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष (chhattisgarh vidhansabha speaker) डॉ. चरणदास महंत (dr. charandas mahant) भी सम्मिलित हुए।
कार्यशाला का विषय संसद/विधान मंडलों की भूमिका एवं उनकी संवैधानिक शक्तियों का विभाजन : जनता के प्रति जवाबदेही एवं पारदर्शिता’ था। संबंधित विषय पर विचार व्यक्त करते हुए महंत (charandas mahant) ने कहा कि आम निर्वाचन से पूर्व जनप्रतिनिधियों (public representatives) द्वारा जनता से किए गए वादों (claims) एवं निर्वाचन उपरांत जनआकांक्षाओं के अनुरूप वादों को पूर्ण करने में (fulfill the claims) संसद/विधानमंडलों (parliament/vidhanmandals) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
उन्होंने (charandas mahant) कहा कि भारत के संविधान में यह व्यवस्था है कि प्रजातंत्र की तीनों इकाइयां-विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका एक दूसरे से परस्पर तालमेल रखते हुए एवं क्षेत्राधिकार का सम्मान करते हुए अपने-अपने कार्य सुचारू रूप से कर सकें।
उल्लेखनीय है कि कंपाला में गुरुवार को 64वें राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन (64th commonwealth parliamentary conference) का उद्घाटन युगांडा के राष्ट्रपति यावेरी कागुटा मुसेवेनि के मुख्य आतिथ्य व युगांडा संसद की अध्यक्ष रेबेका कड़ागा की अध्यक्षता में हुआ। उद्घाटन के बाद विभिन्न विषयों पर कार्यशालाओं के आयोजन का सिलसिला शुरू हुआ। सम्मेलन (64th commonwealth parliamentary conference) का ध्येय सूत्र ‘त्वरित परिवर्तनशील राष्ट्रकुल में स्वीकार्य सहयोगी विधायी निकायों का प्रादुर्भाव’ है।
29 को रायपुर पहुंचेंगे महंत
इस कार्यशाला में मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने भी सहभागिता की। सम्मेलन में भाग लेने के पश्चात महंत 28 सितंबर को कंपाला से प्रस्थान कर मुंबई से एयर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 651 से रविवार दिनांक 29 सितंबर को पूर्वाह्न 11:50 बजे रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचेंगे।