उड़ीसा को 80 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ को 20 प्रतिशत पानी मिल रहा
रायपुर/नवप्रदेश। Campaign started in Bastar to save Indravati river: इंद्रावती बचाव अभियान का आगाज़ करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह पदयात्रा जल-जंगल-जमीन के अधिकार के लिए है। इंद्रावती हमारे बस्तर के लिये प्राणदायक नदी है। बीजापुर से जगदलपुर जहां इंद्रावती नदी बहती है वहां अब सरकार की उपेक्षा और बदइंतजामी के चलते पूरी तरह सूख चुकी है, जिसे बचाने के लिये बस्तरवासी पूरे तरीके से संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं है। यहीं हालात रहा तो आने वाले समय में इंद्रावती नदी का अस्तित्व बस्तर से समाप्त हो जायेगा। चित्रकूट विश्व का प्रमुख पर्यटन स्थल है, उसका भी अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। यहां हजारो पर्यटक घूमने आते है, लाखो लोगो को रोजगार मिलता है।
इंद्रावती नदी से किसानों को सिंचाई के लिये पानी मिलता है। इस नदी से गांवो के लोगों को पानी मिलता है और जब नदी नहीं रहेगा तो लोगो को और किसानों को पानी कहां से मिलेगा? इंद्रावती नदी का जल स्तर गिरते जा रहा है। आने वाले समय में इंद्रावती नदी और बस्तर को बचाने के लिये लंबी लड़ाई लड़नी होगी। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार और उड़ीसा में भी भाजपा की सरकार है, तब भी यहां के लोगो को पानी क्यों नहीं मिल रहा है? सरकार इस मामले में बिल्कुल गंभीर नहीं है। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा जल समझौते के अनुसार दोनो राज्यो को 50-50 प्रतिशत पानी मिलना है, लेकिन साय सरकार के चलते उड़ीसा को 80 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ को 20 प्रतिशत पानी मिल रहा है।
क्या 20 प्रतिशत पानी बस्तर के लिये पर्याप्त है? इसलिये इंद्रावती नदी को बचाने के लिये हम बड़ी लड़ाई लड़ेंगे, इन्हीं मुद्दों को लेकर हम पदयात्रा के रूप में सड़क की लड़ाई लड़ रहे हैं। जब हमारी सरकार थी तो हमने प्रस्वात रखा था की बैराज बने, इस मामले में डबल इंजन की सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। अगर सरकार बैराज बनाती है तो आने वाले सालों तक बस्तर में पानी की कमी नहीं होगी। कांग्रेस पार्टी ने जब आंदोलन किया तब सरकार हरकत में आयी और शासन और प्रशासन ने पानी छोड़ने का काम किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि यह हमारे बस्तर की अस्मिता का सवाल है। जीव, जंतु, पशु, पक्षी, मानव सभी के लिये पानी आवश्यक है। सरकार इंद्रावती नदी को नहीं बचा पायी तो बस्तर में भूचाल आ जायेगा। राज्य सरकार इंद्रावती नदी को बचाने के लिये एक कदम नहीं उठा पा रही है, जल संरक्षण और संवर्धन के लिए, उसके संतुलित उपयोग के लिए इनके पास कोई कार्ययोजना नहीं है, इंद्रावती को लेकर आदिवासियों के सवाल पर भाजपा नेता मंत्रियों के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने सरकार ने जो प्रोजेक्ट पास किया था उस प्रोजेक्ट को तत्काल चालू किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को पानी की दिक्कत न हो। सरकार ने अभी तक कुछ काम नहीं किया। आने वाले समय में इंद्रावती नदी को बचाना है इसलिये लंबी लड़ाई लड़नी होगी। बस्तर में दो ही प्रमुख मुद्दा है, पहला इंद्रावती नदी को बचाने का और दूसरा बैलाडीला के पहाड़ को बचाने है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार की पूरी नियत बस्तर के संसाधनों पर है। सरकार की दुर्भावना के चलते ही आज बस्तर संकट में है। यहां के जल, जंगल, जमीन, खनिज खतरे में है। इन सभी चीजो को बचाने के लिये हमे आगे आकर लड़ना होगा। बस्तर को बचाने के लिये हम कोई समझौता नहीं करना चाहते। आने वाले समय में खनिज संसाधन को बचाने के लिये एक बड़ी लड़ाई लड़ी जायेगी। सरकार अपने चहते उद्योगपतियो को जल, जगंल, जमीन बेचना चाहती है। बैलाडीला के पहाड़ को सरकार ने निजि हाथो में बेच दिया।
3 साल तक हम चैन से नहीं बैठेंगे और इस सरकार को उखाड़ कर फेकेंगे। हम 40 किलोमीटर की पदयात्रा करना है। धूप, बरसात आये, पसीना आये लेकिन हम हार मानने वाले नहीं है हम सरकार के खिलाफ भीषण गर्मी में भी लड़ाई लड़ते रहेंगे। इस पदयात्रा के तीसरे दिन इंद्रावती नदी के लिये 30 अप्रैल को बड़ा घेराव कार्यक्रम किया जायेगा। बस्तर के मुद्दे को लेकर कलेक्टर आफिस का घेराव करना है। हम सभी एकजुट होकर मजबूती से, पूरी ताकत से बस्तर के स्वाभिमान, आत्मसम्मान, स्मृद्धि और संस्कृति को बचाने की लड़ाई लड़ेगे।