रायपुर/नवप्रदेश । छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के ज्ञापन अनुसार आज से राज्य भर से बस सेवाएं (Strike) प्रावित होंगी । बता दें कि हफ्ते भर पहले छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के पदाधिकारियों द्वारा छत्तीसगढ़ के सभी जिला प्रसाशन अधिकारी को बस किराया बढ़ाने को लेकर मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा गया था ।
राजधानी के भी जिला प्रसाशन अधिकारी कलेक्टर सुरभ कुमार को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था ।
ज्ञापन में छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ द्वारा बस किराए में बढतोरी को लेकर मांग की गई थी । मांग पूरी न होने पर 13 जुलाई, मंगलवार को महाधरना प्रदर्शन (Strike) करते हुए सभी बस सेवाएं बंद करने की बात कही गई थी ।
राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर अब तक किसी भी प्रकार का कोई निर्णय नहीं लिया गया है । महासंघ की मांगों को लेकर किसी भी प्रकार की निर्णय न लेने के चलते आज महाप्रधन कर सेवाएं अनिश्चित काल तक रद्द की जा रही है।
महाधरने को लेकर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली ने बताया कि – ” बीते कई समय से संघ द्वारा बसों के यात्रा किराए को बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है । गत दो हफ़्तों से महासंघ के पदाधिकारियों द्वारा राज्य सरकार द्वारा अपनी मांगों को लेकर बात किया जा रहा है।
परन्तु सरकार द्वारा अब तक उनकी बातों को नहीं माना गया है । जिसके चलते यह महाधरना (Strike) प्रदर्शन कर राज्य भर की बस सेवाएं अनिश्चित काल तक रद्द की जा रहीं है ।
संचालकों द्वारा सहपरिवार जल-समाधि की चेतावनी
मंगलवार को बसों के संचालक को अनिश्चित काल तक बन्द करने के एलान के साथ महाप्रदर्शन के बाद भी अगर राज्य सरकार द्वारा मांगों को नहीं माना गया तो।
प्रदेश भर के संचालक, ऑपरेटर, ड्राइवर्स सभी अपने परिवार के साथ राजधानी के खारुन नदी में कल 14 जुलाई बुधवार को जल-समाधि ले लेंगे ।
खारुन नदी में जल समाधि के दौरान होने वाली किसी भी प्रकार की अनहोनी की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी ।
जल- समाधी को लेकर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया की – ” उनके साथ ही साथ अन्य सभी संचालकों को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। सरकार द्वारा हमारी मांगों और समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
जिसके चलते हम सभी कल बुधवार को खारुन नदी के तट पर दोपहर 3 बजे पहुँच कर जल समाधि लेंगे । किसी भी अनहोनी की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी ” ।
प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी बताया कि कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण बस सेवाएं भी लम्बे समय तक बन्द रही थीं । जिससे संचालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था ।
पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी के कारण बसों का संचालन पुराने किराए में करने में सभी संचालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।
महासंघ द्वारा दिये ज्ञापन में लिखे अनुसार मध्यप्रदेश राज्य में सरकार से बस किराए में बढ़ोतरी की मांग को लेकर सन्तुष्टिजनक जवाब देते हुए मांगों को मान ली गई थी।
जिसके चलते मध्यप्रदेश राज्य जो की छत्तीसगढ़ का पड़ोसी राज्य है वहां के बस संचालकों को राहत मिली।
बस यातायात एवं उनके संचालकों को लेकर महत्वपूर्ण बातें :
• राज्य में 11 से अधिक बसें एवं 9 हज़ार के करीब बस संचालक ।
• कोरोना के चलते लोन पर लिए बसों की किस्त न जमा होने के कारण 2500 के करीब बसें जब्त ।
• बस संचालन के बन्द (Strike) होने के कारण आर्थिक तंगी के चलते 300 के करीब संचालकों द्वारा काम बंद ।
• प्रतिदिन राजधानी मात्र से 4 लाख से अधिक नागरिक बसों से अलग अलग हिस्सों तक यात्रा करते हैं ।
• प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1,80,000 के करीब नागरिकों का रोजगार बस संचालन से जुड़ा है ।
• राज्य के अनेक भागों एवं जिलों में पहुचने का एक मात्र सहारा बस सेवाएं |