Hall Marking:अव्यवहारिक मापदंड से लगेंगे दो वर्ष-हरख
रायपुर/नवप्रदेश। Hall Marking:केंद्र सरकार द्वारा 16 जून से हॉलमार्किंग की अनिवार्यता लागू कर दी गई है, लेकिन इसके लागू होने से सराफा कारोबारियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। इस जटिल नियमों को सरल करने सराफा व्यापारियों ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है।
सराफा कारोबारियों की माने तो हॉल मार्किंग यूनिक एचयूआईडी की प्रक्रिया सरल किया जाए अन्यथा इससे सराफा कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस मापदंड से हॉल मार्किंग की प्रक्रिया चलता रहा तो सराफा कारोबारियों को हॉल मार्किंग लेने के लिए दो वर्ष से अधिक का समय लग जाएगा।
केंद्रीय मंत्री को लिखा गया है पत्र
रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर हॉल मार्किंग (Hall Marking) की अव्यवहारिक व जटिल नियम को वापस लेने की मांग की हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष मालू, लक्ष्मीनारायण लाहोटी, प्रह्लाद सोनी और अनिल कुचेरिया ने मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सोने के जेवर पर हाल मार्किंग अनिवार्य किए जाने का रायपुर सराफा एसोसिएशन स्वागत करता है। लेकिन हालमार्किंग के नियमों के अंतर्गत एचयूआईडी के प्रावधानों में विभिन्न व्यवहारिक असमानता एवं अव्यवहारिक नियमावली होने के कारण सराफा कारोबारियों को काफी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि हॉल मार्किंग सिस्टम में हॉल मार्किंग यूनिक एचयूआईडी प्रक्रिया काफी जटिल एवं त्रुटिपूर्ण है, प्रक्रिया के अनुसार सर्वप्रथम व्यापारी को पोर्टल में जानकारी देनी होगी, उसके बाद पोर्टल के द्वारा हॉलमार्किंग सेंटर को सूचना जाएगी और उस सूचना के आधार पर हालमार्किंग सेंटर उसे हालमार्किंग करना स्वीकार करेगा या नहीं करेगा यह बताएगा। यदि उसके पास कार्य भार अधिक है तो उस अनुरोध को स्वीकार नहीं करेगा जिसमें जेवर हॉलमार्किंग करने का अनुरोध किया गया है। इस प्रक्रिया के आधार पर कोई भी हॉलमार्किंग सेंटर को गहनों पर हालमार्क करने में काफी समय लगेगा।
हरख मालू ने बताया कि बीआईएस के पोर्टल सीडैक मैं तकनीकी समस्या के कारण हॉलमार्किंग (Hall Marking) की प्रक्रिया ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, इस कारण वर्तमान में स्टॉक व्यापारियों के पास है और उसे भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा सुझाए गए मापदंड के अनुसार हॉलमार्किंग कराने में लगभग 2 वर्ष लग जाएंगे। रायपुर सराफा एसोसिएशन इस अव्यवहारिक एवं जटिल नियम को वापस लेने की मांग की है ताकि अधिक से अधिक सराफा व्यापारी हॉलमार्किंग की मान्यता ले सकें।