बुलंदशहर/नवप्रदेश। बुलंदशहर (bulandshahar) के वीर प्रताप सिंह ने जहां चाह वहां राह की कहावत को का चरितार्थ किया है । किसान पुत्र (farmer son) वीर प्रताप सिंह ने घर की माली हालत ठीक नहीं होने के चलते पैसे उधार लिए। और इन पैसों का सदुपयोग कर वे आईएएस (ias) बन गए।
यूपीएससी (upsc) की तीन बार परीक्षा दी । मौसम की मार से पिता को हर साल खेती में नुकसान हो रहा था। ऊपर से कर्ज भी था। बुलंदशहर (bulandshahar) के वीर प्रताप सिंह के पिता उनकी पढ़ाई के लिए ब्याज से पैसा उधार उठाकर पूर्ति करते रहे, लेकिन अपने बेटे की यूपीएससी (upsc) की तैयारी में कोई बाधा नहीं आने दी।
तीसरी बार में बना आईएएस
दो बार की विफलता के बाद आखिरकार किसान पुत्र (farmer son) वीरप्रताप सिंह ने तीसरे अटेंप्ट में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईएएस ब गए। वीर प्रताप सिंह ने वर्ष 2015 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मैकेनिकल में बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद 2016 व 2017 में यूपीएससी की परीक्षा दी।
शिक्षा के लए बचपन से ही संघर्ष
वीर प्रताप बचपन से शिक्षा अर्जित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए घर से पांच किमी का सफर पैदल चलकर स्कूल जाते थे। प्राथमिक शिक्षा उन्होंने कोरोरा स्थित आर्य समाज स्कूल से पूरी की।