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बजट 2025: कर्मचारियों को राहत के आसार, टैक्स में कटौती का सुझाव

Budget 2025: Employees likely to get relief, tax cuts suggested

union budget 2025-26 live

-वित्त मंत्रालय आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को लेकर विभिन्न स्तरों पर जनता की राय मांग रहा है

नई दिल्ली। union budget 2025-26 live: वित्त मंत्रालय आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट को लेकर विभिन्न स्तरों पर जनता की राय मांग रहा है। अब तक मिले निर्देशों के बाद माना जा रहा है कि सरकार देश में मांग और खपत बढ़ाने पर फोकस करेगी, जिसके लिए सरकार मध्यम वर्ग से आने वाले लोगों को टैक्स में छूट दे सकती है। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कल्याणकारी योजनाओं और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देकर खपत बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इस साल का बजट विकसित राष्ट्र के दृष्टिकोण पर केंद्रित होगा।

विशेषज्ञों के मुताबिक देश में बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों को कई तरह से प्रोत्साहित किया जा सकता है। सरकार के लिए सबसे सीधा रास्ता मध्यम वर्ग पर टैक्स (union budget 2025-26 live) का बोझ कम करना है। इससे लोगों के लिए बचत की गुंजाइश बढ़ेगी। जैसे-जैसे बचत बढ़ेगी, लोग अपनी जरूरतों पर अधिक खर्च कर सकेंगे। बचत की स्थिति में संपत्ति, वाहन और अन्य क्षेत्रों पर धन खर्च की मात्रा बढ़ेगी।

क्या नया टैक्स सिस्टम आकर्षक होगा?

सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने संकेत दिया है कि सरकार नई टैक्स व्यवस्था को आकर्षक बनाएगी। 10 से 12 लाख सालाना आय वर्ग में आने वाले कर्मचारियों और अन्य लोगों पर टैक्स का बोझ कम हो जाएगा। इससे पहले उद्योग जगत ने 20 लाख तक की सालाना आय के दायरे में आने वालों को आयकर छूट की सीमा के भीतर अतिरिक्त लाभ देने का सुझाव दिया है, लेकिन सरकार नई कर प्रणाली में स्लैब में बदलाव कर उन लोगों को लाभ देना चाहती है प्रति वर्ष 10 से 12 लाख की सीमा। वहीं संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझावों के साथ विभिन्न मांगें भी रखीं।

आप भी सुझाव दे सकते हैं

10 जनवरी से आप केंद्र सरकार के डिजिटल प्लेटफॉर्म mygov.in पर भी आम बजट को लेकर अपने सुझाव दे सकते हैं। सरकार की मंशा जनता के अच्छे सुझावों को बजट में शामिल करने की है।

अन्य प्रमुख मांगें एवं सुझाव

सरकार से 80सी के तहत कटौती की सीमा बढ़ाने की भी मांग की जा रही है। सरकार ने पिछले 10 साल से इसमें कोई बदलाव नहीं किया है। हालाँकि, ऐसा होने की संभावना नहीं है क्योंकि सरकार नई कर प्रणाली को बढ़ावा देना चाहती है।

ईपीएफओ से जुड़ी पेंशन बढ़ाने की मांग

ट्रेड यूनियनों ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत पेंशन में पांच गुना वृद्धि और आठवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग की है। काफी दिनों से ईपीएफओ से जुड़ी पेंशन बढ़ाने की मांग हो रही है। स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा 75 हजार रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये करने की मांग की जा रही है। हालांकि जानकारों का कहना है कि सरकार इस बार इसे 75 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये तक कर सकती है।

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