रांची, नवप्रदेश। झारखंड सरकार वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को अंतिम रूप देने में जुटी है। इसे लेकर ’हमीन कर बजट’ के तहत आम जन और विशेषज्ञों से बजट से पूर्व सुझाव लिया गया। बेहतर सुझाव देने वाले कई लोगों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को रांची में सम्मानित किया।
बजट पूर्व संगोष्ठी में सीएम हेमंत सोरेन ने कई संकेत दिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 का बजट ऐसा बने, जिससे एसटी, एससी, ओबीसी, माइनॉरिटी सहित सभी वर्ग के लोगों को लाभ मिल सके।
हेमंत सोरेन कहा कि राज्य में स्वरोजगार सृजित करने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर राज्य सरकार विशेष बल दे रही है। सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता हर व्यक्ति की जरूरत है। वर्तमान समय में झारखंड में सड़क मार्ग, हवाई मार्ग और जल मार्ग की स्थिति संतोषजनक है।
इन क्षेत्रों में काफी विकासात्मक काम हुए हैं। झारखंड के 24 में से 23 जिले किसी न किसी दूसरे राज्यों से जुड़े हैं। आने वाले समय में इन कनेक्टिविटी का उपयोग रोजगार सृजन के साथ-साथ रेवेन्यू जेनरेट का जरिया बने ऐसी कार्य योजना बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि विकसित राज्यों और बड़े-बड़े शहरों में बजट के प्रति आम लोगों की उत्सुकता देखने को मिलती है, परंतु इसके लिए राज्य में बजट के प्रति लोगों में उत्सुकता कम नजर आती है।
उन्होंने कहा कि ये जरूरी है कि राज्य के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोग बजट को जानने का प्रयास करें। ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ विकास की राह में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछले दिनों मैं एक ऐसे क्षेत्र में गया जहां 40 वर्षों के बाद वहां के लोगों ने शहर के लोगों को देखा। राज्य में इसी तरह के कई और क्षेत्र हैं जहां विकास की योजनाएं न के बराबर पहुंच पायी हैं।
सरकार की सोच है कि राज्य के भौगोलिक बनावट को ध्यान में रखकर बजट ऐसा बनाया जाए जिसका लाभ प्रत्येक परिवार तक पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बिल्कुल डिफरेंट स्टेट है। राज्य में दूसरे राज्यों के बजट मॉडल को कॉपी पेस्ट नहीं किया जा सकता है।