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बीएसपी के एसएम शाप 3 में हुआ धमाका,कोई हताहत नहीं

भिलाई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित बीएसपी प्लांट केमेल्टिंग शॉप-3 के पीछे हिस्से में जमकर धमाका हुआ। जिससे आसपास की बिल्डिंग हिल गई। भवन में मौजूद कर्मचारी और अधिकारी भूकंप आ गया सोचकर भागते हुए बाहर निकले। इसके बाद जायजा लिए तो साफ हुआ कि बकेट में रखे लिक्विड फ ार्म के गंदा हॉट मेटल के पानी के संपर्क में आने से यह हादसा हुआ है। इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे। हादसे में यहां लगे शीट भी उड़ गए हैं। गनीमत है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ।
बीएसपी के पॉवर सिस्टम डिपार्टमेंट-2 में 26 जून 2019 की सुबह इलेक्ट्रिक फ्लैश हुआ था। जिससे यहां काम कर रहे एक अधिकारी, एक कर्मचारी व एक ट्रेनी झुलस गए। इनको पहले मेन मेडिकल पोस्ट लेकर गए, इसके बाद सेक्टर-9 हॉस्पिटल रेफर किया गया, जहां बर्न यूनिट में दाखिल कर इलाज किया जा रहा है। जहां उनका उपचार चल रहा है।
बीएसपी में ब्लास्ट फर्नेस-7 के पीछे मौजूद पॉवर सिस्टम डिपार्टमेंट-2, सब स्टेशन-15 ए में हुए इस हादसे के पीछे की वजह क्या है। यह बात बीएसपी के कर्मचारियों के लिए जानना बेहद जरूरी है। यहां जिस समय हादसा हुआ, उस समय लो टेंशन पैनल (एलटी पेनल) में काम किया जा रहा था। 11 केवी लाइन को लो कर नए विभाग में सप्लाई करने की तैयारी जा थी, इस दौरान ही फ्लैश होने से तीन लोग झुलस गए।
बीएसपी में हादसे के समय पॉवर सिस्टम डिपार्टमेंट सब स्टेशन-15 ए के इनकमर नंबर-1 से मडगन के लिए सप्लाई देने का काम चल रहा था। इसके लिए स्पेयर फीडर-6 से मडगन के लिए आउट गोइंग कनेक्शन मंगलवार को कर लिया गया था।बीएसपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
बीएसपी में स्टैंडर्ड प्रैक्टिस के मुताबिक ब्रेकर को पहले आइडल कंडीशन में बिना सप्लाई दिए चालू व बंद किया जाता है। इसके साथ ही ब्रेकर को सीधे नहीं बल्कि दोनों साइड से खड़े होकर अंदर डाला जाता है, जब फीडर को अंदर भेजा जा रहा था, तब वह किसी कारण से अटक रहा था, यहां अंधेरा था, इस वजह से मौजूद अधिकारी प्रताप सिंह ध्रुव टार्च की रौशनी से ब्रेकर कहां अटक रहा है, उसे देखने की कोशिश कर रहे थे, तभी इलेक्ट्रिक फ्लैश हुआ और उनके सामने चेहरे व शरीर, साथ में खड़े कर्मचारी मनोज कुमार पटेल के भी सामने हिस्से व एचआरडीस का ट्रेनीज देवेंद्र कुमार साहू का हाथ व अन्य हिस्सा हादसे में झुलस गया। जिसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया ।

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