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BSF Achievement : सुरक्षा के साथ ही विकास में भी निभा रहा है अहम भूमिका

BSF Achievement: Along with security, it is also playing an important role in development

BSF Achievement


रायपुर/नवप्रदेश। BSF Achievement : सीमा सुरक्षा बल (विशेष अभियान) के ADG आरएस भट्टी ने प्रेस कांफ्रेंस कर BSF की उपलब्धियों की जानकारी दी है, साथ ही बीएसएफ अपने तीन उद्देश्यों को लेकर जनता के साथ कटिबद्ध है, इसे भी साझा किया।

उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीएसएफ तीन उद्देश्यों के साथ काम कर रही है। इसमें पहला है नक्सली ऑपरेशन में राज्य पुलिस की मदद करना। दूसरा उद्देश्य स्थानीय नागरिकों के मन में सुरक्षा की भावना को मजबूत करना और तीसरा उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों में सहयोग करना है।

पुलिस-प्रशासन को दिया अहम सहयोग

साल 2021 में छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बीएसएफ द्वारा नक्सल विरोधी अभियान में की गई कार्रवाई और बीएसएफ की उपलब्धियों की के बारे में एडीजी आरएस भट्टी ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसफ) सुरक्षा के साथ ही संबंधित क्षेत्र के विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक से भी अधिक समय से बीएसएफ के जवान छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस-प्रशासन को नक्सल समस्या से उबारने में महत्वपूर्ण सहयोग कर रहे हैं। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कांकेर, नारायणपुर और कोंडागांव के साथ ही ओडिशा के मलकानगिरी और कोरापुट जिलों में बीएसएफ की तैनाती है।

राज्य पुलिस बलों की सहायता के लिए 16 बीएसएफ कमांडो टीमें उपलब्ध

बीएसएफ ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा में साल 2009-10 में 41 सीओबी/पोस्ट से नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत की। यह अभियान अब बढ़कर 108 सीओबी तक पहुंच गया है। बीते दो साल में छत्तीसगढ़ में दो और ओडिशा में 6 नए सीओबी की स्थापना की गई है। नक्सल विरोधी अभियान को तेज करने के लिए बीएसएफ के 2 डीआईजी के मुख्यालय हाल ही में कांकेर और भानुप्रतापपुर में स्थानांतरित किये गए हैं। बीएसएफ की 16 कमांडो टीम को हाल ही में राज्य पुलिस बलों के साथ संयुक्त छापेमारी के लिए उपलब्ध कराया गया है।

बीएसएफ की कार्रवाई से नक्सली भर्ती में गिरावट

भट्टी ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि छत्तीसगढ़ में बीएसएफ (BSF Achievement) की कार्रवाई की वजह से नक्सली भर्ती में काफी गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ बीएसएफ की तीन बार मुठभेड़ हुई। इसमें जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। वहीं एक दशक में नक्सलियों से लोहा लेते हुए 38 जवान शहीद हो गए, जबकि 1650 नक्सलियों की गिरफ्तारी बीएसएफ ने की और 18 को मार गिराया। इसका नतीजा यह रहा कि 891 नक्सली सरेंडर करने पर मजबूर हो गए, बीएसएफ ने 1473 हथियार, 958 आईईडी, 3176 किलोग्राम बारूद भी जब्त किये। वर्ष 2021 में बीएसएफ ने कुल 15 हथियार, 54 आईईडी जब्त की। वहीं 14 नक्सलियों ने सरेंडर भी किया। वहीं उड़ीसा में नए नक्सलियों की भर्ती नगण्य हो चुकी है तथा छत्तीसगढ़ में भी इसमें भारी गिरावट आई है।

बीएसएफ निभा रही सामाजिक जिम्मेदारी

बीएसएफ न सिर्फ सामाजिक दायित्व निभाते हुए कांकेर और नारायणपुर जिले में 24 चिकित्सा कैंप भी लगाए। इन कैंप में आंख, दांत, स्त्री रोग और हड्डी रोग के विशेषज्ञ भी उपलब्ध कराए। इन कैंप से करीब 240 गांव के 6,438 लोगों को लाभ मिला है। इसी साल ओडिशा में 22 मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें 230 गांव के 4,362 लोगों को लाभ पहुंचाया गया। चिकित्सा कैंप कांकेर जिला के अंदरूनी गांवो में जैसे कोयलीबेड़ा ब्लॉक के गांव, ऑलदंड, बारकोट, माड़ पखंजूर, रेंगावाही, इरपनार, तिरलगढ़, दुर्गकुंडल ब्लॉक में ग्राम मेंड्रा भी लगाये गये। चिकित्सा कैंप मलकानगिरी और कोरापुट जिलों के सुदूर अंदरूनी ब्लॉक के गांवों में भी लगाए गए।

भट्टी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कांकेर एवं नारायणपुर जिलों के लगभग 280 अंदरूनी गांव के लोगों की सहायता के लिए 1.44 करोड रुपए मूल्य की आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे करीब 17,000 लोगों को लाभ होगा। नागरिकों को कृषि यंत्र, मच्छरदानी, जरूरी बर्तन, साइकल, विकलांगों के लिए ट्राई साइकिल, स्कूली बच्चों के लिए किताबें एवं स्टेशनरी इत्यादि मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार उड़ीसा में भी वर्ष 2021-22 के दौरान 1.44 करोड रुपए मूल्य की आवश्यक वस्तुएं मलकानगिरी और कोरापुट जिलों के लगभग 130 गांव के नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही है।

खनन और रेल परियोजनाओं में निभाया अहम भूमिका

भट्टी ने पीसी के दौरान रावघाट खनन एवं रेल परियोजना का उल्लेख करते हुए बताया कि यह राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है। उन्होंने कहा इस परियोजना में बीएसएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साल 2013 में नक्सल प्रभाव के कारण बीएसफ की तैनाती की गई। उन इलाकों में हमने 12 सीओबी की स्थापना की। सड़क और पुल निर्माण में भी बीएसएफ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कई सड़कों के निर्माण के लिए बीएसएफ सुरक्षा को लेकर तैनात है। बीएसफ कांकेर जिले में 52 किमी लंबी सड़क निर्माण की सुरक्षा में तैनात है।

कोयलीबेड़ा-प्रतापपुर पखांजुर रोड प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली 52 किमी सड़क पर 43 पुल-पुलिया का निर्माण किया जाना है। इसके निर्माण की सुरक्षा के लिए भी हमारे जवान तैनात हैं। दल्ली राजहरा से अंतागढ़ तक 60 किलोमीटर की रेलवे लाइन का काम पूरा हो चुका है। बचे हुए 35 किलोमीटर रेल लाइन का काम तेजी से चल रहा है। यहां से प्रतिदिन 2 सवारी गाड़ी रायपुर-दुर्ग-बालोद-दल्ली राजहरा-भानूप्रतापपुर-केवटी के बीच चल रही है।

इससे क्षेत्र की संयोजकता में बढ़ोतरी हुई है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति मिली है। उन्होंने कहा कि अंदरूनी इलाकों में सड़कों का अभाव भी नक्सलवाद के फैलाव में एक कारण रहा है। सीमा सुरक्षा बल द्वारा अपने तैनाती के समय से ही सड़क तथा पुल निर्माण कार्यों/संचालन को सुरक्षा दिया है, जिससे कांकेर जिला में 45 रोड प्रोजेक्ट्स तथा 9 पुल बन रहे हैं।

फोन टावर निर्माण क्षेत्र में रहा योगदान

भट्टी ने बताया कि मोबाइल फोन टावर के निर्माण में भी बीएसएफ ने अपनी भूमिका (BSF Achievement) निभाई है। नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास को गति देने एवं लोगों को मुख्य क्षेत्रों से जोडऩे में टेलीफोन/मोबाइल का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। सीमा सुरक्षा बल ने नक्सलियों के घोर विरोध एवं खतरे के बावजूद, छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा में 196 मोबाइल फोन टॉवर्स के निर्माण में सुरक्षा सहयोग दिया है। इनमें से 91 मोबाइल फोन टावर जिला कांकेर तथा नारायणपुर के छत्तीसगढ़ में लगे हैं और 105 मोबाइल फोन टावर उड़ीसा के मलकानगिरी और कोरापुट जिले में लगे है। यह कार्य अब और तेजी से किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी बीएसएफ ने सराहनीय कार्य किया है। बीएसएफ ने 20-21 में छत्तीसगढ़ में 1,06,522 तथा उड़ीसा में 32,340 पेड़ लगाए गए इनमें मुख्य तौर पर आम, अमरूद, नारियल, नीम, आमला शामिल हैं।

कुछ महत्वपूर्ण सड़क-पुल प्रोजेक्ट

125 किलोमीटर लंबी एसएच-25 जो कि केंवटी- दुर्गकुंडल-पखंजूर-बांदे- इरपनार-ओरछा को आपस में जोड़ता है। साथ ही 70 किलोमीटर लंबी एसएच 5 जो कि भानूप्रतापपुर-अंतागढ़-रावघाट-दंडकवन-भारंडा को जोड़ता है।

लॉकडाउन के समय की मदद

लॉकडाउन के दौरान बीएसएफ ने आम नागरिकों के सहायता के लिए चावल, दाल, चीनी, नमक, तेल बांटने की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत कांकेर जिला के 60 लड़के एवं लड़कियों को ट्रेनिंग दी गई है जिससे उन्हें रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

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