पुरुषों द्वारा दिए जाने वाले बहाने के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान
लंदन/नवप्रदेश। एक ब्रिटिश (british woman backpacker death) महिला बैकपैकर (यहां-वहां सामान पहुंचाने वाली) की मौत को लेकर लोगों में इतना गुस्सा है कि उन्होंने सामाजिक अभियान (campaign) छेड़ दिया है।
शारीरिक संबंध बनाने के दौरान हुई इस मौत (death during sex) के मामले में लोग आरोपी द्वारा दिए जा रहे तर्क को गलत ठहरा रहे हैं। साथ ही भविष्य में कोर्ट में ऐसे किसी तर्क दिए जाने पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं।
आरोपी द्वारा मौत के दौरान की परिस्थितियों को इस तरह बयां किया गया कि इन दलीलों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही कानून में बदलाव की मांग की जा रही है।
ये है मामला
यह मामला ब्रिटिश (british woman backpacker death) बैकपैकर लुईस (बदला हुआ नाम) की मौत का है। इसको लेकर आरोपी पुरुष का कहना है कि मिस लुईस ने उसके साथ संबंध बनाने के दौरान वायलेंट होकर उसे अपनी (लुईस की) सांस रोकने के लिए कहा था। इसलिए उसकी मौत (death during sex) एक दुर्घटना है।
इस दौरान कोर्ट में 22 साल की महिला की निजी जिंदगी को लेकर वाद-विवाद हुआ। पूरे मामले की रिपोर्टिंग दुनिया की मीडिया ने की।
मिस लुईस की हत्या न्यूजीलैंड में हुई थी, लेकिन इंग्लैंड की पूर्व सॉलिसीटर जनरल हैरिट हरमन इसको लेकर अब कानून में बदलाव चाहती हैं, ताकि पुरुष ऐसे मामलों में ‘रफ सेक्स गॉन रॉंग’ (अशिष्ट तरीकेसे संबंध बनाते वक्त हुई गलती) के बचाव का इस्तेमाल न कर सकें।
सांसद भी बोले- हत्या की तरह चले मुकदमा
लेबर पार्टी के एक सांसद का कहना है कि ऐसे पुरुषों पर भी हमेशा हत्या के मामले की तरह मुकदमा चलाया जाए। सांसद का मानना है कि संबंध बनाए जाने के दौरान यदि कोई पुरुष अपने पार्टनर को धोखे से भी जान से मार देता है तो यह उसका दुर्भाग्य है।
वहीं सामाजिक अभियान (campaign) चलाने वाले लोगों का कहना है कि पुरुषों द्वारा ऐसे मामलों में महिलाओं की मौत से अपना पिंड छुड़ाने के लिए उक्त बहाने का इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। बहरहाल मिस लुईस की हत्या के मामले के आरोपी को दोषी करार दिया जा चुका है। वहीं इस मामले से अब पुरुषों की चिंता बढ़ गई है (ए.)। छाया प्रतीकात्मक।