नई दिल्ली, 20 जून| Breast Cancer Early Signs : ब्रेस्ट कैंसर एक खामोश दुश्मन की तरह हमारे समाज में धीरे-धीरे अपनी जड़ें गहरी करता जा रहा है। हर साल लाखों महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आती हैं — पर चौंकाने वाली बात ये है कि इसके कई जोखिम ऐसे हैं जो हमारे बेहद करीब हैं, फिर भी नजरअंदाज रह जाते हैं। अगर आप सोचती हैं कि केवल उम्र ही कारण है, तो यह अधूरी जानकारी है।
नीचे बताए गए साइलेंट रिस्क फैक्टर्स को पहचानकर आप इस बीमारी से समय रहते खुद को बचा सकती हैं।
1. समय से पहले पीरियड्स और देर से मेनोपॉज
अगर आपकी पहली माहवारी 12 साल से पहले हुई और मेनोपॉज 55 के बाद, तो आपके शरीर में लंबे समय तक एस्ट्रोजन लेवल बना रहता (Breast Cancer Early Signs)है। इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
2. BRCA1 और BRCA2 जीन म्यूटेशन
अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट या ओवेरियन कैंसर हुआ है, तो BRCA जीन म्यूटेशन हो सकता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क 70-80% तक बढ़ सकता (Breast Cancer Early Signs)है।
3. डेंस ब्रेस्ट टिशू
जिन महिलाओं के स्तन में ज्यादा फाइब्रस और ग्लैंडुलर टिशू होते हैं, उनके ट्यूमर मैमोग्राम में छिप सकते हैं, जिससे समय पर पहचान नहीं हो पाती।
4. रेडिएशन थेरेपी का इतिहास
30 साल से पहले अगर छाती के पास रेडिएशन हुआ है (जैसे कि लिंफोमा के इलाज में), तो यह जोखिम बढ़ाने वाला बड़ा फैक्टर है।
5. दूसरी मेडिकल कंडीशन्स
अगर पहले कभी ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, या फिर Atypical Ductal Hyperplasia या Lobular Carcinoma in Situ जैसी स्तन की बीमारियां रही (Breast Cancer Early Signs)हैं, तो यह भविष्य में कैंसर का संकेत हो सकता है।
6. फैमिली हिस्ट्री
अगर आपकी मां, बहन या बेटी को कम उम्र में ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो यह खतरा आपके लिए भी दुगना हो जाता है।
7. उम्र के साथ बढ़ता रिस्क
40 की उम्र के बाद हर महिला को नियमित ब्रेस्ट स्क्रीनिंग करवानी चाहिए। 50 की उम्र के बाद तो यह और भी जरूरी हो जाता है।
क्या करें बचाव के लिए?
हर साल क्लीनिकल ब्रेस्ट एग्जाम कराएं
40 के बाद हर दो साल में मैमोग्राफी ज़रूर करवाएं
हेल्दी डायट, नियमित व्यायाम और वजन कंट्रोल रखें
शराब और धूम्रपान से परहेज़ करें
ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन की आदत डालें
ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत अक्सर खामोशी से होती है। लेकिन जब हम इसके छुपे हुए कारणों को पहचानना सीखते हैं, तो यह खामोशी एक सतर्कता में बदल जाती है — और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।