-खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संसद भवन पर हमले की धमकी दी थी
नई दिल्ली। Serious lapse in security of Parliament: बुधवार को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई। ऑडिटोरियम में उस वक्त हड़कंप मच गया जब 3 अज्ञात युवक दर्शक दीर्घा से नीचे कूद पड़े। इन युवकों को तुरंत पकड़ लिया गया। लेकिन अचानक हुई इस घटना से सभी डर गए। संसद पर हमले को आज 22 साल हो गए।
आज सदन में ये दुर्भाग्यपूर्ण गलती हुई तो नए संसद भवन की सुरक्षा का मुद्दा सामने आ गया है। सबसे पहले संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे 2 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिसके बाद दो अन्य लोग सीधे सदन में घुस गए। इस घटना के बाद संसद में अफरा-तफरी मच गई।
इस घटना ने एक बार फिर 22 साल पुराने आतंकी हमले की याद ताजा कर दी। 13 दिसंबर 2001 को जब पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारतीय संसद पर हमला किया तो गोलियों की आवाज से पूरा देश दहल गया। इस हमले के जवाब में सुरक्षा बलों ने 5 आतंकियों को मार गिराया।
संसद पर हमले का दिन और पन्नू की धमकी
संसद पर हमले को आज 22 साल हो गए। आज ही के दिन 2001 में संसद भवन पर आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हमले से पूरा देश सदमे में था। इसमें 5 आतंकी मारे गए, लेकिन यह घटना संसद के इतिहास में काले दिन के तौर पर दर्ज हो गई।
हाल ही में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संसद भवन पर हमले की धमकी दी थी। इसलिए संसद की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई। लेकिन फिर भी 2 प्रदर्शनकारी संसद के बाहर नारेबाजी करते दिखे। उसके हाथ में टायर गैस कंटेनर था। इन दोनों को सुरक्षा गार्डों ने पकड़ लिया।
इसमें 1 पुरुष और 1 महिला थी। लेकिन इसके कुछ ही देर बाद एक बार फिर सुरक्षा में चूक हो गई। 2 युवक लोकसभा हॉल में घुस गए। दोनों ने गैलरी से छलांग लगा दी। उनके द्वारा सभागार में कुछ फेंका गया, जिससे गैस निकली। सांसदों ने युवकों को पकड़ लिया और सुरक्षा गार्डों ने उन्हें हिरासत में ले लिया।