-स्थगन आदेश अब छह महीने के बाद स्वचालित रूप से रद्द नहीं किया जाएगा
नई दिल्ली। Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाया है। उसके आदेश में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट या हाई कोर्ट द्वारा पारित स्थगन आदेश छह महीने के बाद स्वचालित रूप से समाप्त नहीं किया जा सकता है। इससे स्थगन आदेश की अवधि बढ़ जाएगी और अदालत खुद ही किसी मामले पर लगी रोक हटा सकेगी।
अदालतों को मामलों के निपटारे के लिए समय सीमा तय करने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि असाधारण परिस्थितियों में ऐसा किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में यह भी माना है कि सिविल और आपराधिक मामलों में स्थगन आदेश 6 महीने के बाद स्वचालित रूप से समाप्त नहीं होते हैं जब तक कि आदेशों को विशेष रूप से बढ़ाया न जाए।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2018 में दिए अपने ही फैसले को पलट दिया है। इसके फैसले में कहा गया है कि उच्च न्यायालयों और अन्य अदालतों द्वारा दीवानी और आपराधिक मामलों में पारित अंतरिम आदेश छह महीने की अवधि के बाद स्वचालित रूप से समाप्त हो जाएंगे, यदि आदेश को विशेष रूप से बढ़ाया नहीं गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को खारिज करते हुए उपरोक्त फैसला सुनाया।