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BREAKING: बैंकों में पड़े हैं 48,262 करोड़, कोई दावेदार नहीं; देखिए निर्मला सीतारमण ने क्या कहा-

BREAKING: Rs 48,262 crore lying in banks, no claimant; See what Nirmala Sitharaman said-

nirmala sitharaman

-लावारिस जमा का पता लगाने में मदद के लिए रिजर्व बैंक ने लांच किया वेब पोर्टल

नई दिल्ली। nirmala sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कहा कि ग्राहकों को अपने उत्तराधिकारियों को नामांकित करना चाहिए और उन्हें इसके बारे में सूचित करना चाहिए। इससे लावारिस जमा की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।

निर्मला सीतारमण ने कहा बैंकिंग प्रणाली, शेयर बाजार सहित सभी वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्रों को ग्राहक के पैसे का लेनदेन करते समय ग्राहक के भविष्य पर भी विचार करना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ग्राहक अपना नामांकित व्यक्ति और अपना पता बताएं। हाल ही में रिजर्व बैंक ने लावारिस जमा को लेकर UDGAM पोर्टल लॉन्च किया है।

भारतीय रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 तक बैंकों में अनक्लेम्ड रकम यानी लावारिस जमा 48,262 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। सभी वित्तीय संस्थानों में दावा न की गई रकम का मूल्य 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। सीतारमण ने यह भी कहा कि टैक्स हेवेन देश (वे देश जहां पैसा छिपाकर रखा जाता है, उन्हें भारी टैक्स छूट मिलती है) और मनी राउंड ट्रिपिंग (व्यापार को बढ़ावा देने और बिक्री बढ़ाने के लिए फर्जी लेनदेन दिखाना) जिम्मेदार वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरा हैं।

वित्तीय व्यवस्था की आवश्यकता

साइबर खतरों, क्रिप्टो नियमों और कर चोरी सहित कई वित्तीय खतरों से निपटने के लिए एक वित्तीय प्रणाली आवश्यक है। वित्त मंत्री ने कहा कि एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था होनी चाहिए जो भविष्य की आर्थिक अनिश्चितता से निपट सके और चुनौतियों को अवसरों में बदल सके। सीतारमण ने विश्व नेताओं से एक जिम्मेदार वित्तीय प्रणाली बनाने के लिए सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया।

साइबर खतरे बढ़ गए हैं

सीतारमण ने कहा कि इन दिनों साइबर खतरों की पहुंच काफी बढ़ गई है। फिनटेक कंपनियों के काम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि डीमैट खातों की संख्या 2019-20 में 4.1 करोड़ से बढ़कर 2022-23 में 10 करोड़ हो गई। फिनटेक कंपनियों को ग्राहक विवरण और वित्तीय लेनदेन की सुरक्षा के लिए एन्क्रिप्शन और अन्य उपायों का उपयोग करके मजबूत सुरक्षा उपायों में भारी निवेश करने के लिए कहा गया है।

UDGAM पोर्टल क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों को लावारिस जमा राशि खोजने में मदद करने के लिए UDGAM नामक एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल लॉन्च किया है। कोई भी व्यक्ति यहां जाकर बैंकों में लावारिस जमा राशि की जांच कर सकता है। इस पोर्टल के जरिए आम लोगों को अपनी या अपने रिश्तेदारों की लावारिस जमा राशि का पता लगाने में मदद मिलेगी। UDGAM वेब पोर्टल 17 अगस्त को लॉन्च किया गया है।

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