बिलासपुर/नवप्रदेश। GP Singh Case : निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ दर्ज किए गए एफआईआर को निरस्त करने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में दो याचिका लगाई गई थी,जिसकी सुनवाई गुरुवार को थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सिंह के वकील ने जवाब पेश करने के लिए कोर्ट से समय की मांग की। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 8 दिसंबर को तय किया है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में जीपी सिंह (GP Singh Case) की याचिका पर सुनवाई के दौरान शासन ने जवाब पेश किया। शासन ने पूरी प्रक्रिया को कानूनी प्रावधान सहित आपराधिक प्रकरण को तथ्यपूर्ण होने की जानकारी दी। साथ ही कोर्ट को बताया कि मामले की जांच में जीपी सिंह पुलिस को सहयोग नहीं कर रहे हैं।
शासन के जवाब के बाद जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय ने बताया कि किसी भी लोक सेवक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने से पहले कानूनी राय लेने के साथ ही नियुक्ति कर्ता अधिकारी से अनुमति लेना आवश्यक है, जो नहीं ली गई। यहाँ तक की केंद्र सरकार से भी अनुमति नहीं ली गई है। याचिकाकर्ता के पक्ष में जवाब रखने के लिए कोर्ट से समय मांग की। जिस पर कोर्ट ने समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर तक के लिए टाल दिया
गौरतलब है कि आईपीएस जीपी सिंह (GP Singh Case) ने हाईकोर्ट में राजद्रोह और भयादोहन मामले में याचिका लगाई है। मामले में की गई FIR को चुनौती दी गई है। दायर याचिका में सिंह ने एफआईर को निरस्त करने की मांग की है। साथ ही अंतरिम राहत के तौर पर पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग भी की गई है।