-30 जून तक की मोहलत देने की मांग की गई थी
नई दिल्ली। Electoral bond case: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें भारतीय चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक की मोहलत देने की मांग की गई थी। अदालत ने एसबीआई से 12 मार्च को व्यावसायिक समय के अंत तक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने को कहा है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान एसबीआई की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था। सुनवाई के दौरान वकील साल्वे ने कहा कि अदालत ने एसबीआई को बांड की खरीद के बारे में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया है, जिसमें खरीदारों के विवरण के साथ-साथ बांड की कीमत भी शामिल है।
इसके अलावा राजनीतिक दलों का ब्योरा और पार्टियों को मिले बांड (Electoral bond case) की संख्या भी देनी होगी, लेकिन समस्या यह है कि जानकारी निकालने के लिए पूरी प्रक्रिया को बदलना होगा। एसओपी के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि बांड खरीदारों और बांड की जानकारी के बीच कोई संबंध न हो। हमें बताया गया कि इसे गुप्त रखना होगा। बांड खरीदने वाले का नाम और खरीद की तारीख डली होना चाहिए। जिसे डिकोड करने में समय लगेगा।
एसबीआई को दानदाताओं के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए
एसबीआई की याचिका पढ़ते हुए सीजेआई ने कहा, अर्जी में आपने कहा है कि सारी जानकारी सील करके एसबीआई की मुंबई हेड ब्रांच को भेज दी गई है। भुगतान पर्चियां भी मुख्य शाखा को भेज दी गईं। तो दोनों विवरण मुंबई में हैं। लेकिन हमने जानकारी के मिलान के निर्देश नहीं दिए हैं। हम चाहते हैं कि एसबीआई दानदाताओं के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान करे।
सीजेआई ने एसबीआई (Electoral bond case) से पूछा कि वे फैसले का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं। एफएक्यू यह भी दर्शाता है कि प्रत्येक खरीदारी के लिए एक अलग केवाईसी है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि सभी विवरण सीलबंद लिफाफे में हैं और आप सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलें और विवरण दें।