-बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
नई दिल्ली। Bilkis case: गुजरात के बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई के फैसले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के लिए उपयुक्त माना है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महिलाएं सम्मान की हकदार हैं। अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया।
दोषियों को बरी करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जस्टिस बीवी नागरत्ना और उज्जवल भुइया की पीठ ने फैसला सुनाया और कहा कि 11 दोषियों की जल्द रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका वैध थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों राज्यों की निचली अदालतों और हाई कोर्ट ने फैसले लिए हैं। ऐसे में किसी भी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। दोषियों को बरी करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिलकिस के दोषियों को जेल जाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे निष्कर्ष इस कोर्ट के मई 2022 के आदेश पर आधारित हैं। प्रतिवादी नंबर 3 ने यह खुलासा नहीं किया है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने सीआरपीसी की धारा 437 के तहत उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
प्रतिवादी नंबर 3 यह भी खुलासा करने में विफल रहा कि शीघ्र रिहाई आवेदन महाराष्ट्र में दायर किया गया था, न कि गुजरात में। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाकर और भ्रामक तथ्य बनाकर दोषी की ओर से गुजरात राज्य को माफी पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।