नई दिल्ली। Arvind Kejriwal will run the government from jail: कथित 100 करोड़ रुपए के दिल्ली शराब नीति घोटाले के ‘मास्टरमाइंड’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। पीएमएलए कोर्ट ने 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आक्रामक हो गये।
इंडिया अलायंस में शामिल विपक्षी दलों ने भी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से सरकार चलाने का फैसला किया है। दिल्ली की जनता भी यही चाहती है। चाहे कुछ भी हो जाए, वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे।
मैं पूरी तरह समझता हूं कि कई कठिनाइयां आएंगी। फिर भी यहीं से काम करने का प्रयास करूंगा। मेरी तबीयत बहुत खऱाब है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद ईडी इतनी जल्दी मुझे गिरफ्तार करने घर आ जाएगी। मुझे लगा कि ईडी को मुझे गिरफ्तार करने में दो से तीन दिन लग सकते हैं। अरविंद केजरीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेने का भी मौका नहीं मिला।
ईडी जांच नहीं करना चाहती, मैं पूरी तरह तैयार हूं
ईडी अधिकारियों ने अच्छा और सम्मानजनक व्यवहार किया। अभी तक कोई जांच नहीं की गई है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि हिरासत के दौरान भी पूछताछ होगी। क्योंकि ईडी जांच नहीं करना चाहती। ईडी जो चाहे कर सकती है। मैं पूरी तरह से तैयार हूं। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि लोग मेरा समर्थन करते हैं।
इस बीच, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal will run the government from jail) को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल को उनके घर पर ईडी अधिकारी कपिल राज और सत्यव्रत की जासूसी की 150 पेज की रिपोर्ट मिली। दावा किया जा रहा है कि यह न सिर्फ सौ करोड़ का घोटाला है बल्कि रिश्वत देने वालों द्वारा कमाए गए मुनाफे से छह सौ करोड़ का भी घोटाला है।