-कारोबारी के घर पर छापा मारकर 197 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई
कानपुर। Businessman Piyush Jain raid in house: कानपुर बड़े कारोबारी पीयूष जैन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पीयूष जैन वही कारोबारी हैं जिनके ठिकानों पर तीन साल पहले डीजीजीआई ने छापेमारी की थी। जिसमें 197 करोड़ रुपये की नकद रकम मिली थी। इसके अलावा 23 किलो सोने के बिस्कुट भी मिले हैं। अब पीयूष जैन ने 23 किलो सोना सरेंडर कर दिया है।
2021 के अंत में डीजीजीआई (जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय) अहमदाबाद की एक टीम ने कानपुर स्थित व्यवसायी पीयूष जैन के घर पर छापा मारा था और 197 करोड़ रुपये नकद जब्त किए थे। इसके बाद कनौज में उनकी फैक्ट्री और हवेली पर छापा मारा गया और 23 किलो सोना और चंदन का तेल जब्त किया गया। इस मामले में पीयूष जैन जेल गये थे।
कन्नौज में सोना मिलने के मामले में लखनऊ की डीआरआई टीम ने पीयूष जैन के खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 135 के तहत एफआईआर दर्ज की है। जिसका मुकदमा चल रहा था। इस मामले में पीयूष जैन की ओर से कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है कि मेरे यहां से कस्टम द्वारा जब्त किया गया 23 किलो सोना जब्त किया जाए। इससे पहले उन्होंने सोने पर दावा किया था। जिसके लिए 60 लाख का जुर्माना वसूला गया। उन्होंने उनसे इसे रिलीज करने की अपील भी की है।
कानपुर में डीजीजीआई के सरकारी वकील अंबरीश टंडन का कहना है कि पीयूष जैन ने 56 लाख 86 हजार रुपये की कंपाउंडिंग फीस जमा कर दी है और दावा किया है कि उनके घर से जब्त किए गए 23 किलो सोने की कंपाउंडिंग की जाए। यानी एक तरह से उन्होंने ये सोना सरेंडर कर दिया है। इस मामले में सीमा शुल्क की धारा 135 से राहत पाने के लिए अदालत से अपील की गई है। वकीलों के मुताबिक अब उनकी ओर से जवाब दर्ज किया जाएगा।
27 दिसंबर 2021 को कन्नौज में डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने पीयूष जैन के घर से 23 किलो सोना जब्त किया था और दावा किया था कि सोना विदेशी है। लेकिन अब पीयूष जैन दावा कर रहे हैं कि उन्हें ये सोना नहीं चाहिए। उन्होंने सोने पर दावा करने वाली अपनी अपील भी वापस ले ली है। साथ ही शमन शुल्क भी जमा कर दिया। फिलहाल पीयूष जैन जमानत पर जेल से बाहर हैं।