सूरजपुर/नवप्रदेश। Breach of Trust : धान उपार्जन केंद्र मानी की जांच खाद्य अधिकारी एवं उप पंजीयक के उपस्थिति में सहकारी निरीक्षक तैरस टोप्पो, खाद्य निरीक्षक नीतिश कुमार, शाखा प्रबन्धक जिला सहकारी केन्द्रीय सूरजपुर संतोष जायसवाल एवं क्षेत्र सहायक सुभाष चंद्र पटेल के द्वारा किया गया।
धान उपार्जन केन्द्र मानी में इस वर्ष 2021-22 में कुल 843 किसानों से 50947.60 क्विंटल धान की खरीदी किया गया है। जिसमें से मिलर्स को 43850.00 क्विंटल तथा संग्रहण केद्र को 4991.85 क्विंटल धान का परिदान किया गया है। उपार्जन केन्द्र की ऑनलाइन रिपोर्ट के अनुसार 2105.75 क्विंटल धान शेष होना दर्ज है।
भौतिक सत्यापन में धान और कम बोरी मिली
खरीदी प्रभारी द्वारा फड़ का भौतिक सत्यापन (Breach of Trust) कराया गया जिसमें मात्र 8 बोरे धान वजन 3.2 क्विटल अनुमानित पाया गया। शेष 2102.55 क्विंटल धान खरीदी केन्द्र में कम पाया गया जिसकी कीमत 4078947 रूपये अनुमानित है। यह धान 5264 बोरे में भण्डारित होना था जिसकी कीमत 78960 रूपये अनुमानित है। वर्ष 2021-22 में उपार्जन केन्द्र मानी में 849 नग पुराने खाली बारदाने कम पाया गया जिसका मूल्य 12735 रूपये अनुमानित है।
अमानत में खयानत का आरोप
उपरोक्तानुसार खरीदी प्रभारी अम्बर सिंह, कंप्यूटर ऑपरेटर रामप्यारी देवागंन, बारदाना प्रभारी खेलसाय राजवाड़े, फड़ प्रभारी मनोज कुमार राजवाड़े, ईश्वर सिंह एवं शिवराम सिंह, मुकेश सिंह एवं राकेश सिंह के साथ मिली भगत कर आदिम जाति सेवा सहाकारी समिति मर्या. मानी के अमानत में खयानत किया गया है जिससे शासन को 4170642.00 रुपए की आर्थिक क्षति हुई है।
जांच में पाया कि उपार्जन केंद्र मानी में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में अम्बर सिंह पिता शिवराम सिंह निवासी पोड़ी द्वारा खरीदी प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर रामप्यारी देवागंन बारदाना प्रभारी खेलसाय राजवाड़े, फड़ प्रभारी मनोज कुमार राजवाड़े के पद पर का कार्य किया गया है। धान खरीदी की संपूर्ण देख रेख, नियंत्रण एवं अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर अम्बर सिंह के द्वारा किया गया है।
उपरोक्त सभी के द्वारा धान खरीदी (Breach of Trust) में की गई गड़बड़ी के कारण धान खरीदी प्रभारी अम्बर सिंह, कंप्यूटर ऑपरेटर रामप्यारी देवागंन, बारदाना प्रभारी खेलसाय राजवाड़े, फड़ प्रभारी मनोज कुमार राजवाड़े, ईश्वर सिंह एवं शिवराम सिंह तथा मुकेश सिंह एवं राकेश सिंह के विरूद्ध पुलिस थाना सूरजपुर में आईपीसी की धारा 420, 408 एवं 34 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है। पुलिस की जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।