रायपुर/नवप्रदेश। Bore Basi ka Jalwa : एक बात बहुत प्रचलित है, जो अपनी चीजों का सम्मान खुद करता है, हर कोई उसका सम्मान करता है, चाहे वह गाय का गोबर हो या बासी बोरे। छत्तीसगढ़ का छत्तीसगढियां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात को बखूबी समझा दिया।
श्रम वीरों को बोरे बासी खाकर सम्मान देने की पहल ने ग्लोबल रूप ले लिया है। प्रदेश नहीं देश नहीं बल्कि विदेशों में बसे छत्तीसगढ़ के लोगों ने आज बोरे बासी खाकर अपनी महान संस्कृति का जश्न मनाया।
अमरीका न्यूयॉर्क से विभाश्री साहू, एलिकॉट सिटी मैरीलैंड से सुमन साहू, लंदन से सौम्या अग्रवाल, दोहा-कतर से कामता प्रसाद शर्मा, लक्जमबर्ग यूरोप से डॉ राजीव आनंद साहू, इस अभियान में शामिल होकर बोर बासी खाकर श्रमिकों का सम्मान किया। उसके बाद उन्होंने फोटो वीडियो शेयर कर किया।
श्रमिक दिवस पर राज्य भर में नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों (Bore Basi ka Jalwa) ने पूरे उत्साह के साथ बोरे बासी खाया और छत्तीसगढ़ संस्कृति के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया। तस्वीरों में देखें, आम से खास तक, कैसे लिया बोर बासी का लुत्फ।
मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी
जनसंपर्क आयुक्त दीपांशु काबरा
मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया
कलेक्टर कबीरधाम रमेश शर्मा
मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा
मुख्यमंत्री के सुपुत्र चैतन्य बघेल
कलेक्टर महासमुंद नीलेश क्षीरसागर
राजनांदगांव एसपी संतोष सिंह अपने बेटे के साथ
रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार
कोरबा पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सूरज कश्यप
ट्वीटर पर #borebaasi नंबर-1 पर कर रहा है ट्रेंड
सोशल मीडिया पर छत्तीसगढ़ का #borebaasi नंबर-1 पर ट्रेंड कर रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ियों से मजदूर दिवस पर बोरे-बासी खाकर अपनी छत्तीसगढ़िया संस्कृति और श्रमिकों को सम्मान देने की अपील पर देश-विदेश में बसे छत्तीसगढ़वासियों द्वारा बोरे-बासी खाकर अपनी फोटो-वीडियो रोचक कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर हैश टैग #borebaasi के साथ शेयर की जा रही है। बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का पारंपरिक भोजन है, पोषक तत्वों से भरपूर इस व्यंजन का छत्तीसगढ़ में किसान, मजदूर, अमीर-गरीब सहित सभी लोग, हमेशा से सभी बड़े चाव से खाते हैं।
CM बघेल की अपील पर कोने-कोने में बसे छत्तीसगढ़वासियों ने बोरे-बासी खाकर अपनी गौरवशाली परंपरा के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए एकजुटता का प्रदर्शन किया है। बोरे-बासी छत्तीसगढ़ का ऐसा भोजन है जो बचे हुए चावल को पानी में भिगोकर रात भर रख कर बनाया जाता है। फिर सुबह उसमें हल्का नमक डालकर, भाजी, टमाटर की चटनी, अचार और कच्चे प्याज के साथ खाया जाता है। छत्तीसगढ़ के लोग प्रायः सुबह बासी का ही नाश्ता करते हैं। बोरे बासी खाने से न सिर्फ गर्मी और लू से राहत मिलती है, बल्कि बीपी कंट्रोल रहता है डि-हाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है।