रायपुर, नवप्रदेश। प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाएगा। इस वर्ष यह “डोनेटिंग ब्लड इज एन एक्ट ऑफ सॉलिडरिटी. ज्वॉइन द इफर्ट एंड सेव लाइव्स (Donating blood is an act of solidarity. Join the effort and save lives)” की थीम पर मनाया जा रहा है।
हर वर्ष इसका आयोजन स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जन-जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान अभियान 17 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक संचालित किया गया है।
ब्लड सेल कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. श्रीकांत राजिमवाले ने बताया कि रक्त की आपूर्ति के लिये मानव रक्त ही एकमात्र विकल्प है। इसे किसी भी प्रकार के कृत्रिम तरीकों से नहीं बनाया जा सकता है। रक्त इकाई की आवश्यकता की पूर्ति स्वैच्छिक रक्तदान के द्वारा ही संभव होता है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए शासन द्वारा ब्लड बैंक के माध्यम से रक्तदान शिविर सामुदायिक स्तर पर आयोजित कर रक्त संग्रहण किया जाता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के उच्चतर प्रबंधन एवं आपातकालीन चिकित्सा सेवा के लिए राज्य के 27 जिलों में 33 शासकीय ब्लड-बैंक स्थापित किया गया है। प्रदेश में 33 शासकीय एवं 83 गैर-शासकीय, इस तरह कुल 116 ब्लड बैंक संचालित हैं।
डा. राजिमवाले ने बताया कि प्रदेश में प्रति वर्ष 2.55 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है जो कि राज्य की जनसंख्या का एक प्रतिशत है। वर्ष 2022 में अब तक राज्य के सभी शासकीय ब्लड-बैंको में 54 हजार 117 एवं निजी ब्लड-बैंकों में 49 हजार छह, इस तरह कुल एक लाख तीन हजार 123 यूनिट रक्त का संग्रहण किया गया है, जो कि राज्य की कुल जरुरत का 97 प्रतिशत है।
कौन कर सकता है रक्तदान
रक्तदान करने के लिए रक्तदाता की उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो। शारीरिक रूप से सेहतमंद होना भी जरूरी है। खून में हीमोग्लोबिन का स्तर 12.5 जी/डीएल या इससे ऊपर होनी चाहिए।
रक्तदान करने के 24 घंटे पहले शराब, धूम्रपान और तंबाकू का सेवन नहीं किया गया हो। रक्तदान करने वाले व्यक्ति को ब्लड-प्रेशर, कैंसर, एड्स जैसी बीमारी नहीं होनी चाहिए। एक सेहतमंद व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है।