रायपुर/नवप्रदेश। Mandi Shulka : छत्तीसगढ़ में किसानों पर राजनीति रुकने का नाम ही नहीं ले रही है। धान खरीदी, बारदाना में कमी और अब मंडी शुल्क में वृद्धि को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर हमला बोल दिया है। वहीं सत्ताधारी दल कांग्रेस इसे भाजपा द्वारा किसानों को भ्रमित करने का मुद्दा बताया है।
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य व प्रदेश किसान मोर्चा प्रभारी संदीप शर्मा ने मंडी शुल्क में 150 प्रतिशत वृद्धि करने को लेर पत्रकार वार्ता किया। संदीप शर्मा का साफ तौर पर कहना है कि मंडी शुल्क में 150 फीसदी बढ़ोतरी करके भूपेश सरकार ने किसानों पर भारी वज्र पात किया है। शुल्क बढ़ोतरी के आदेश से ऐसा लगता है मानो पहले धान में लगने वाले शुल्क 2 रु को बढ़ाकर 5रु कर कर दिया गया है जबकि सच्चाई यह है कि 2018 में भाजपा की रमन सरकार के समय जिस धान के समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल 31 रु शुल्क लगता था वहीं आज बढ़े हुए नए शुल्क के चलते अब धान समर्थन मूल्य पर अब 98 रु शुल्क लगेगा। जो कि 2018 की तुलना में तीन गुना से अधिक है। इसकी मार आखिरकार किसानों को ही पड़ती है।
किसान हैं परेशान
मंडी शुल्क (Mandi Shulka) में बढ़ोतरी का दुष्परिणाम बढ़ोतरी के दूसरे ही दिन दिखने लगा जब मंडियों में 1450 से 1480रु तक बोली लगने वाले धान की बोली राजिम मंडी सहित तमाम मंडियों में 1000रु से शुरू किया जाकर 1250-1280 रु में रुक गई। मंडी शुल्क बढ़ने से मंडियों में धान के भाव अचानक 200रु नीचे आ गए हैं। इस बात से आक्रोशित होकर अनेक मंडियों में किसानों ने धान बेचने से मना कर दिया है। चर्चा में हमेशा यह कह गुमराह किया जाता है कि मंडी शुल्क तो व्यापारी देता है , किसान नही देता, जबकि सच्चाई यह है कि मंडी शुल्क किसानों के ही जेब से जाता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है धान के दाम में अचानक 200रु की कमी आ जाना।
उल्लेखनीय है कि मई जून 2018 में जब भाजपा की रमन सरकार थी और धान का समर्थन मूल्य 1570 रु लागू था तब किसानों अपना धान 1550 रु में बेच लिया था। लेकिन आज जब धान का समर्थन मूल्य 1960रु है तब किसानों को भूपेश सरकार की मंडियों में धान 1200- से 1300 रु क्विंटल में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है औऱ यह सब कृषि कानून रद्द होने के ही दुष्परिणाम हैं।
यूपी चुनाव पर फोड़ा ठीकरा
संदीप शर्मा ने आरोप लगते हुए कहा कि अतिरिक्त शुल्क (Mandi Shulka) को भूपेश टेक्स माना जाय तो कोई गलती नहीं होगी। इसे यूपी चुनाव के लिए जबरदस्ती का लिया गया योगदान माना जा सकता है। उत्तर प्रदेश में जाकर झूठी आत्म प्रशंसा करने वाले मुख्यमंत्री किसानों के जेब के पैसा से ही किसानों के बर्बादी की इबारत लिख रहे हैं। इस टेक्स वृद्धि से राज्य की सरकार केंद्र सरकार से 1000 करोड़ रुपये और राज्य के किसानों से 1000 करोड़ वसूलने के जुगत बना लिया है। हम मांग करते हैं कि यह सरकार शीघ्र बढ़े हुए मंडी शुल्क वापस ले और मंडियों की अव्यवस्था दूर करते हुए मंडियों में हो रहे किसानों के शोषण पर लगाम लगाए, साथ ही साथ पंजीयन में हुए गड़बड़ी को सुधारते हुए समितियों में धान खरीदी व्यवस्था दुरुस्त करे।
घड़ियाली आंसू बहा रही है भाजपा – सुशील आनंद शुक्ला
भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के मंडी शुल्क में बढ़ोत्तरी के आरोप को कांग्रेस ने भाजपा का भ्रम फैलान करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में किसान धान बेचने में मशगूल है उन्हें उनकी फसल की भरपूर कीमत मिल रहा है। भूपेश सरकार खरीदी केंद्रों में चाक चौबंद व्यवस्था कर किसानों से धान खरीद रही है।
भाजपा का झूठ बेपरदा
भाजपा झूठ बोलकर दुष्प्रचार कर रहे कि मंडी शुल्क किसानों से लिया जाएगा जबकि हकीकत यह है मंडी शुल्क व्यापारियों से लिया जाएगा और इस राशि का इस्तेमाल कृषक कल्याण और मंडी समितियों की मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने में होगा। भाजपा मंडी शुल्क पर घड़ियाली आंसू बहा रही है। इसी भाजपा ने मंडियों (Mandi Shulka) को समाप्त करने काले कानून बनाया था और आज भाजपाई मंडियों की उपयोगिता बता रहे हैं। भाजपा और पीएम मोदी की बदनीयत छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के किसानों के सामने बेपरदा हो चुकी है कि ये किसानों को गुलाम बनाने की मानसिकता रखते हैं, तभी तो तीन काले कानून लाये थे और अब जबकि किसानों तथा कांग्रेस के दबाव में उनकी मंशा पर पानी फिर गया तो किसानों के साथ बारदाने की कमी और उसना चावल न खरीदने जैसी साजिश रची। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप व्यवस्थित रूप से किसान की धान का दाना दाना खरीदना आरंभ कर दिया तो तरह तरह की अफवाहें फैलाने लगे।
किसान का बोनस खुद दबा देने वाले, मंडियों को कांजी हाउस जैसा बना देने वाले, किसान को कंगाल बनाने के लिए हर पल तत्पर रहने वाले भाजपाई अब किसानों की खुशहाली बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं और उनके नाम पर घड़ियाल बन रहे हैं। कांग्रेस की सरकार किसानों की सरकार है। वह किसानों के कल्याण के लिए तत्पर है।