रायपुर/नवप्रदेश। BJP MLA : भारतीय जनता पार्टी के MLA और पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर किसानों के हक के 36सौ करोड़ से ज्यादा रुपए प्रतिवर्ष छल-कपटपूर्वक दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह प्रदेश सरकार स्व. राजीव गांधी के नाम पर न्याय योजना का ढिंढोरा पीटकर किसानों के साथ अन्याय कर रही है।
किसानों को नहीं मिली राहत राशि
भाजपा विधायक ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस जब अपना घोषणा पत्र बना रही थी, तब धान का समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति क्विंटल था जो पिछले तीन कृषि सत्रों में लगातार बढ़कर इस वर्ष 1940 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। इस प्रकार केंद्र सरकार ने प्रति क्विंटल 390 रुपए की जो राहत किसानों को प्रदान की, उस राशि का एक रुपए का लाभ भी प्रदेश सरकार ने किसानों को नहीं दिया।
विधायक ने कहा कि प्रतिवर्ष जितना धान खरीदा जा रहा है, उस हिसाब से छत्तीसगढ़ के किसानों के हक की 36 सौ करोड़ रुपए से भी ज़्यादा यह राशि प्रदेश सरकार छल-कपट करके दबाकर बैठ गई है। पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है और केंद्र द्वारा बढ़ाई गई राशि का लाभ किसानों को नही दिया।
लाखों बारदानों का भुगतान बाकी
विधायक (BJP MLA) ने कहा बारदाने के नाम पर भी किसानों को ठगे जाने पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि सरकार व्यापारियों, बाजार और अन्य जगहों से 54 और 27 रुपए की दर से दो श्रेणी के बारदाने खरीदती है, जबकि किसानों से बारदाना लेती है तो उसके एवज में उन्हें सिर्फ 15 रुपए ही देती है। यह बेहद शर्मनाक है कि आज भी किसानों से लिए गए लाखों बोरों का भुगतान बाकी है। सिंचाई के लिए स्थायी पम्पों के लगभग 35 हजार आवेदन पिछले कई महीनों से लम्बित पड़े हैं।
राज्य सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप
विधायक (BJP MLA) बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसानों की दिक्कतों से बेखबर इस सरकार ने किसानों को 440 वोल्ट का झ़कटा भी दिया है, क्योंकि 440 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता घट गई है, लो-वोल्टेज और अघोषित बिजली कटौती के कारण प्रदेश के किसान आंदोलित हैं। विधायक ने कहा कि यह प्रदेश सरकार घोर किसान विरोधी है जिसे न तो किसानों की परेशानियों से कोई सरोकार है और न ही खेती-किसानी के कामों में किसानों को हो रही दिक्कतों की कोई समझ है। छत्तीसगढ़ के कई इलाके आज अकाल की आशंका से सहमे हुए हैं और अगस्त माह समाप्त होने को है, लेकिन रोपा-बियासी के काम तक कई जगहों पर रुके पड़े हैं।