पटना/नवप्रदेश। BJP ka Big Action : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जयसवाल ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन को छह वर्षों के लिए प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी की रीत-नीति के खिलाफ बयान देने को लेकर पहले भी राजीव रंजन को चेतावनी दी गई थी। समझाया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया। ऐसे में पार्टी रीति-नीति के खिलाफ बयानबाजी करने को लेकर राजीव रंजन को भाजपा से तत्काल प्रभाव से छह वर्षों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
क्या है पार्टी के निलंबन पत्र में
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल की ओर से जारी निलंबन पत्र में राजीव रंजन को संबोधित किया गया है। इसमें लिखा है कि पार्टी के जिम्मेवाद पद पर रहते हुए आपके बयान पार्टी की मूल भावनाओं के विपरीत आ रहे हैं। इस विषय में आको मौखिक रूप से पहले भी बताया जा चुका था, इसके बावजूद पार्टी लाइन से हटकर आपके बयान सामने आ रहे हैं। यह सरासर पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन है।
भारतीय जनता पार्टी अनुशासन से चलने वाली और अपने कार्यकर्ताओं के अनुशासन के लिए जानी जाने वाली पार्टी है। प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए, पार्टी की भावनाओं के विपरीत आ रहे आपके बयान न केवल आपके पद की गरिमा को धूमिल करते हैं बल्कि इससे पार्टी की छवि भी खराब होती है।
इस अनुशासनहीनता के लिए भाजपा आपको (BJP ka Big Action) तत्काल पदमुक्त करते हुए, अगले छह वर्षों के लिए पार्टी से निलंबित किया जाता है। इस पूरे मजमून के नीचे प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल के हस्ताक्षर हैं।
जहरीली शराबकांड में मुआवजा की मांग को सही नहीं मानते रंजन
राजीव रंजन निलंबित होने से पहले भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और मीडिया विभाग इंचार्ज थे। गुरुवार को उन्होंने पार्टी की नीतियों को गलत बताते हुए शराबबंदी मुहिम पर नेतृत्व को आईना दिखाया था। उन्होंने पार्टी की ओर से शराब से मरने वालों को मुआवजा देने की मांग को गलत बताते हुए कहा था कि जहरीली शराब से मौत कोई नई बात नहीं है। पहले भी इससे मौतें होती थीं और आज भी हर राज्य में ऐसे हादसे हो रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि वास्तव में इस प्रकार की मौतों को रोकना, बिहार में शराबबंदी लागू करने के उद्देश्यों में से एक था। इसके बावजूद यदि कोई जानबूझकर शराब पीता है तो यह सोच समझकर किया गया आपराधिक कृत्य है। यदि इस मामले में मुआवजा दिया गया तो कल इसके आधार पर हत्या और लूट जैसे घृणित अपराध करने वाले अपराधियों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग भी उठने लगेगी। ऐसे में किसी भी आपराधिक कानून को बनाने का मतलब क्या रह जाएगा।
शराबबंदी की विफलता के लिए प्रशासन जिम्मेदार
रंजन ने यह भी कहा था कि शराबबंदी कानून की विफलता के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सरकार भले ही कानून बनाती हो, लेकिन उसका पालन करवाने की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है। कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही और लालच के कारण बिहार में जहरीली शराब बिक रही है। उन्होंने कहा था कि सरकार को हमारी सलाह है कि ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित कर उन पर कड़ी कारवाई करे तथा साथ ही शराब माफियाओं की संपत्ति जब्त कर उन्हें सलाखों के पीछे करे।
बिहारियों की शांति और समृद्धि से खिलवाड़ (BJP ka Big Action) का हक किसी को नहीं दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल से लेकर विधानमंडल दल के नेता विजय सिन्हा और नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी मुआवजे की मांग कर रहे हैं।