राज्य सरकार पर जमीन हेरा फेरी का आरोप
रायपुर/नवप्रदेश। Kalicharan Release : कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी के विरोध में अब भाजपा खुलकर आ गई है। भाजपा ने कालीचरण की रिहाई की मांग राज्य सरकार से किया है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अग्रवाल ने कहा कि महात्मा गांधी पर की गई टिप्पणी उचित नहीं, लेकिन रात के अंधेरे में पुलिस ने पकड़ा ये अनुचित है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में बड़ी-बड़ी डकैती हुई. अपहरण हुए, नक्सल घटनाएं घटी, लेकिन रात के अंधेरे में कब गिरफ़्तारियां (Kalicharan Release) की गई। छत्तीसगढ़ में आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं, उनमें एक वर्ग विशेष के लोग शामिल हो रहे हैं। राज्य में यदि क़ानून व्यवस्था को बनाए रखना है, तो हम मांग करते हैं कि कालीचरण को तुरंत रिहा किया जाए।
धर्म संसद था प्रायोजित
बृजमोहन ने राजधानी में आयोजित धर्म संसद को कांग्रेस प्रायोजित करार दिया। साथ ही उन्होने कहा कि कांग्रेस ने कवर्धा की घटना से उबरने ये आयोजन किया था। इस धर्म संसद में कांग्रेस के लोग ही कर्ता धर्ता थे। लेकिन धर्म से जुड़ा आयोजन होने के कारण ही भजफ्प के लोग भी इसमें शामिल हुए थे। धर्म संसद में कालीचरण महाराज (Kalicharan Release) के दो दिनों तक बोलने के बाद भी उन्हें बोलने का मौक़ा दिया गया। इससे साफ जाहिर है कि ये पूरी तरह से प्रायोजित है।
कालीचरण की गिरफ्तारी पर निशाना
बृजमोहन की माने तो कालीचरण की गिरफ़्तारी गांधी जी के विचारों के विरुद्ध है। यदि गांधी के विचारों की हत्या कोई कर रहा है तो वह कांग्रेस पार्टी कर रही है। उन्होंने कहा कि कालीचरण का ऐसा बयान पहली दफे नहीं था, उनके यूट्यूब चैनल पर ऐसे बयान भरे पड़े हैं। जिन लोगों ने पुरानी बस्ती कैंपस में ये कहा था कि संविधान को जला देंगे उनके विरुद्ध राष्ट्रद्रोह का मामला क्यों दर्ज नहीं किया गया?
‘दावते इस्लामी’ संस्था पर उठे सवाल
भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार का दोगलापन उजागर हो गया है। सरकार अपने लोगों को जमीन देने में आनाकानी कर रही है लेकिन पकिस्तान में रजिस्टर्ड संस्था को जमीन देने के लिए राज्य सरकार को ऐतराज नहीं है।
बृजमोहन अग्रवाल ने जमीन को लेकर हेरा फेरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘दावते इस्लामी’ संस्था को प्रदेश सरकार जमीन दे रही है जिसके लिए संस्था को 25 एकड़ ज़मीन देने के लिए बाकायदा इश्तिहार छपा है और इसके लिए दावा आपत्ति भी मांगी गई है। जबकि ऐसे 5 हज़ार आवेदन हैं, जिन्होंने सामुदायिक भवन के लिए ज़मीन मांगी है। लेकिन ऐसे लोगों को 7500 फ़ीट से ज़्यादा ज़मीन नहीं दिए जाने की बात सरकार कर रही है। जो साफतौर पर दोगलापन को दर्शाता है।
अग्रवाल ने कहा कि ये संस्था मौलाना इलियाज क़ादरी की है, जिसने वर्ष 2020 में जमीन के लिए आवेदन किया था। इस संस्था का पाकिस्तान से क्या सम्बंध है, इस पर भाजपा जवाब चाहती है। उन्होंने कहा कि ये संस्था भारत में आतंकवाद और धर्मांतरण फैलाने का काम करती है।