बिलासपुर/नवप्रदेश। Bilaspur School : प्रखंड मस्तूरी, जिला बिलासपुर, ग्राम पंचायत लोहारसी जहां एक शिक्षिका की शर्मनाक हरकत सामने आ रही है। शिक्षक ने न सिर्फ स्कूल में शराब पी, बल्कि उन्हें अपनी नौकरी की भी चिंता नहीं है।
नया मामला बिलासपुर का है। जहां स्कूल के किचन में ही मास्टर जी शराब का पैग बनाते हैं। फिर खाना बनाने वाली महिला से कहते हैं कि चखना में दाल भी चलेगी। उनको अपनी नौकरी की भी चिंता नहीं है। कहते हैं, नौकरी का क्या है, जब तक है, तो है। फिलहाल मामले का वीडियो भी सामने आया है।
स्कूल के किचन में ही जाकर पैग बनाया
दरअसल, यह मामला है ग्राम पंचायत लोहारसी संबरिया (Bilaspur School) डेरा के प्राथमिक स्कूल का। इस स्कूल में 30 बच्चे पढ़ते हैं और उनको पढ़ाने वाले दो टीचर हैं। प्रधान पाठक सोनू राम साहू और सुभाष चंद्र भारद्वाज। बच्चों का कहना है कि टीचर सुभाष चंद भारद्वाज रोज शराब पीकर स्कूल आते हैं। वह शुक्रवार को भी शराब के नशे में स्कूल पहुंचा। फिर किचन में घुस गया। प्लास्टिक की थैली फाड़ी और वहीं पैग बनाकर पी गया। इस दौरान वहां काम कर रही महिला से चखना के लिए दाल भी मांगी।
सरपंच भी मास्टर जी को उठा नहीं सके
मास्टर जी की इस शराब पीने के मामले का किसी ने वीडियो बना लिया। इसके बाद भी मास्टर जी को फर्क नहीं पड़ा। शनिवार को फिर से वह नशे में धुत होकर स्कूल पहुंच गए। साथ ही अपनी बाइक की डिक्की में भी शराब लेकर आए। फिर वहीं जमीन में पड़कर सो गया। इसी दौरान गांव के सरपंच पहुंचे और उसे उठाने का प्रयास किया, लेकिन मास्टर जी उठने को तैयार हीं नहीं थे। इस पर सरपंच ने भी गाड़ी का वीडियो बनाया। उसमें देशी शराब और अमरूम रखा हुआ दिखाई दिया।
स्कूल में छुट्टी है, कहकर बच्चों को भगा देता
प्रभारी प्रधान पाठक सोनू राम साहू का कहना है कि टीचर सुभाष की इस हरकत से सभी परेशान हैं। वह आए दिन नशे में स्कूल आता है। उसे नशे में देख बच्चे भी डर से स्कूल आने से बचने लगे हैं। शराब के नशे में वह बच्चों को डांटता है और स्कूल में छुट्टी है कहकर भगा देता है। नशे में हमेशा बड़बड़ाता रहता है। इसे लेकर कई बार उच्चाधिकारियों से शिकायत भी कर चुके हैं। वहीं शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है कि, उन्हें जानकारी मिली है। जांच के बाद टीचर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएम के प्रयास मिट्टी में मिलाने की कोशिश
गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bilaspur School) एक ओर अंग्रेजी माध्यम स्कूलों से शिक्षा का स्तर सुधारने में लगे हुए हैं, वहीं हिंदी स्कूलों का स्तर गिरता जा रहा है। स्कूलों में कभी मुर्गा-मटन पार्टी होती है, कभी टीचर शराब के नशे में पहुंचते हैं। यहां के सरकारी स्कूल टीचरों की शराब और मुर्गा पार्टी का अड्डा बनते जा रहे हैं। इसके चलते सरकारी स्कूल जरूर स्तरहीन होते जा रहे हैं। स्कूलों में टीचरों का शराब पीकर आना कोई नई बात नहीं है।