बिलासपुर/नवप्रदेश। बिलासपुर (Bilaspur) में एक ऐसा थाना (police station) भी है, जहां इन दिनों टीआई की गैरमौजूदगी में उनकी कुर्सी (chair of ti) पर वानर (monkey) को बैठे (sit) देखा जा सकता है।
बात हो रही है बिलासपुर (bilaspur) के तारबाहर थाने (tarbahar police station) की। यहां एक बंदर (monkey) को टीआई (ti) की कुर्सी पर बैठे देखा जा सकता है। जब टीआई साहब थाने (police station) में नहीं होता तो यह वानर (monkey sit) उनकी कुर्सी (chair of ti) पर बैठ जाता है और जब साहब होते हैं तो उनकी गोदी में बैठ अठखेलियां करता है।
तारबाहर थाना (tarbahar police station) परिसर में यह बंदर कहां से आया इसका किसी को भी पता नहीं है। थाना परिसर के आजू-बाजू कोई मदारी भी नहीं रहता है। लेकिन अब यह इस थाने के पुलिसकर्मियों के बीच घुलमिल गया है।
टीआई प्रदीप आर्य के लिए तो यह बंदर और भी ज्यादा प्यारा है। टीआई की गैरमौजूदगी में यह बंदर उनकी कुर्सी में बैठना पसंद करता है और जब प्रदीप थाने में मौजूद रहते हैं तो वह उनकी गोदी में बैठकर किसी बच्चे की तरह अठखेलियां करता है । टीआई प्रदीप आर्य भी इसे ईश्वर प्रदत्त वरदान मान कर बंदर की हरकतों से नाराज नहीं होते।
पूजा के दौरान शांत मुद्रा में रहता है खड़ा
तारबाहर थाने में बिराजने आए इस बंदर को थाने में लगी देवी देवताओं की तस्वीरों के सामने उस वक्त शांत मुद्रा में खड़ा देखा जा सकता है, जब टीआई समेत अन्य पुलिसकर्मी इन चित्रों के समक्ष खड़े होकर पूजा कर रहे होते हैं। बंदर को देख ऐसा लगता है मानों वह भी भगवान की आरधना कर रहा हो। उल्लेखनीय है कि ज्यादातर थानों में संकट मोचक हनुमान का मंदिर देखने को मिलता है।
थाने के जवान ही करते हैं वानर के खाने-पीने की व्यवस्था
पहली बार तारबाहर थाना पहुंचने वालों को इस बंदर की भावभंगिमा को देख जरूर आश्चर्य होता है, लेकिन जो लोग जान चुके हैं उनके लिए अब यह सामान्य बात हो गई है। बंदर के लिए रोज खाने-पीने की व्यवस्था तारबाहर थाने के पुलिस जवान ही करते हैं। आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि ये अनोखा वानर थाने में और कितने दिन रहता है।