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Bilaspur Hospital Land Dispute : बारिश में नहीं उजड़ेंगे घर…मिशन हॉस्पिटल कैंपस के 17 परिवारों को हाई कोर्ट से मिली 30 दिन की राहत…

Bilaspur Hospital Land Dispute

Bilaspur Hospital Land Dispute

Bilaspur Hospital Land Dispute : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से एक संवेदनशील और प्रेरक फैसला सामने आया है। मिशन अस्पताल कैंपस में दशकों से रह रहे 17 परिवारों को आखिरकार छत छिनने से पहले 30 दिन की फुर्सत मिल गई है। हाई कोर्ट की एकलपीठ ने मानवीय आधार पर यह राहत प्रदान करते हुए स्पष्ट किया कि तय समय के बाद प्रशासन स्वतंत्र रूप से बेदखली की कार्रवाई कर सकेगा।

इन परिवारों में शांति दानी, अमिता मसीह, शाहिद हुसैन, विनीत मसीह, शांता ब्राउन, अरशद हुसैन जैसे लोग शामिल हैं जो वर्षों से इस ज़मीन पर रह रहे हैं। वे न केवल बिजली बिल, हाउस टैक्स जैसे शुल्क नियमित रूप से जमा कर रहे हैं, बल्कि इसी जगह को अपना घर मान बैठे थे।

‘48 घंटे में खाली करो’ के आदेश से टूटी थी उम्मीद

23 जुलाई को तहसीलदार, नजूल ने इन सभी निवासियों को 48 घंटे में ज़मीन खाली करने का नोटिस थमा दिया था। आरोप है कि यह नोटिस बिना किसी पूर्व सुनवाई और छत्तीसगढ़ भू-राजस्व(Bilaspur Hospital Land Dispute) संहिता की धारा 248 के नियमों की अवहेलना करते हुए दिया गया।

परिवारों ने जब हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, तो कोर्ट ने याचिका तो खारिज कर दी क्योंकि एसडीएम के समक्ष अपील का विकल्प खुला है, लेकिन बरसात के मौसम और मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए 30 दिन की अंतरिम राहत दे दी।

मानवता की इस बारिश में एक उम्मीद भी भीगी

यह सिर्फ एक कानूनी मामला नहीं, बल्कि घर से जुड़ी इंसान की सबसे बुनियादी भावना का सवाल है। जहाँ एक तरफ कोर्ट ने कानून का पालन करते हुए हस्तक्षेप से इनकार(Bilaspur Hospital Land Dispute) किया, वहीं दूसरी ओर यह भी दर्शाया कि “न्याय सिर्फ नियमों से नहीं, संवेदनाओं से भी चलता है।”

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