Site icon Navpradesh

डॉक्टरों की हड़ताल से कामकाज ठप, मरीज होते रहे परेशान

नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। डॉक्टरों के हड़ताल और निजी नर्सिंग होम बंद होने से मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। स्वास्थ्य संचालक के निर्देश के बाद भी सिम्स ओपीडी बंद रहे।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टर से मारपीट के विरोध में आज एमआईए के तत्वावधान में जिले के समस्त निजी नर्सिंग होम बंद रहे। वहीं मेडिकल कॉलेज के छात्र भी विरोध में उतर आये हैं। सिम्स इलाज कराने आने वाले मरीज एमआरडी से ओपीडी का पर्ची बनाकर डॉक्टर के कक्ष के बाहर बैठे इंतजार करते नजर आये, जिन्हें अस्पताल बन्द होने की जानकारी नहीं थी, न ही अस्पताल में कहीं बन्द होने का सूचना पटल लगाया गया।


डॉक्टरों के हड़ताल एवं निजी नर्सिंग होम बन्द को देखते हुए स्वास्थ्य संचालक ने समस्त शासकीय अस्पताल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक खोलने का निर्देश जारी किया था ताकि निजी नर्सिंग होम बन्द होने से मरीजों को भटकना न पड़े पर स्वास्थ्य संचालक के आदेश को प्रबंधन द्वारा दरकिनार कर दिया जिनका कहना है आज कबीरदास जयंती की छुट्टी है, न की हड़ताल का समर्थन किया जा रहा है।
कलकत्ता में डाक्टर पर हुए हमला को लेकर आज पूरे देश में डाक्टरों ने अपने क्लिनिक बंद कर घटना का विरोध किया। इसी कड़ी में आज शहर के आईएमए के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के नाम पर पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा की मांग की। अध्यक्ष के के जायसवाल के नेतत्व में आईएमए के सदस्यों ने आज प्रधानमंत्री के नाम पर आवेदन दिया। डा. जायसवाल ने बताया कि इन दिनों डाक्टरों पर होने वाली घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। हम पूरी निष्ठा और सजगता के साथ मरीज की जाने बचाने की कोशिश करते हैं। हमारा काम ही लोगों की जिंदगी बचाना हैं लेकिन इन दिनों हम खुद ही सुरक्षित नहीं हैं। डाक्टर अपने मरीज की जिंदगी बचाने और उसको स्वस्थ्य करने के लिए पूरी कोशिश करता हैं उसके बावजूद इन दिनों डांक्टरों के साथ होने वाली घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। डा. जायसवाल ने बताया कि ओपीडी बंद करने के बावजूद हमने इमरजेंसी सेवाएं बंद नहीं की है। इसके साथ ही पहले से भर्ती मरीजों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा हैं। कलकत्ता में डाकटर के साथ हुई घटना गलत हैं,भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हो इसके लिए हमारे सुरक्षा के लिए विश्ेाष ध्यान रखा जाए।
नर्सों ने निभाई जिम्मेदारी
सिम्स ओपीडी बन्द होने की वजह से अपात चिकित्सा में मरीजों की काफी भीड़ लगी रही, जिनके इलाज की जिम्मेदारी जूनियर डॉक्टर एवं नर्सों के दारोमदार था। प्रबंधन ने अतिरिक्त डॉक्टर, नर्स वार्ड बॉय की ड्यूटी लगाई गई थी।
जिला अस्पताल खुलने से मरीजों को राहत
स्वास्थ्य संचालक के निर्देश पर जिला अस्पताल ओपीडी सुबह से देर शाम तक खुला रहा, जिला अस्पताल के खुलने से मरीजों को थोड़ी बहुत राहत मिली, लेकिन गम्भीर अवस्था के मरीज आने पर सिम्स रिफर कर दिया जा रहा था, मगर सिम्स में डॉक्टर नहीं मिलने से केजुएल्टी में बैठे डॉक्टर काम से पीछा छुड़ाने मरीजों को सलाह देकर चलता कर रहे थे, जो कि गम्भीर अवस्था के मरीजों के साथ भी ऐसा किया जाता रहा।
डीन के आदेश पर खुलेगा ओपीडी
सिम्स अस्पताल की ओपीडी खोलने का शासन से किसी प्रकार का आदेश नहीं मिला है। आज शासकीय छुट्टी होने से ओपीडी बन्द रखा गया है, जो आदेश निकाला गया है वह जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी का है। डीएमई से कोई आदेश नहीं है, अगर डीन भी आदेश कर दें तो तुरंत ओपीडी खुल जायेगा।
डॉ. श्रीमती आरती पांडे, उप अधीक्षक सिम्स

WhatsAppFacebookPrintShare
Exit mobile version