बाद में पता चला आग नहीं लगी, पुलिस की मॉकड्रील थी, आग लगने से फंसे लोगों को किस तरह निकाला जाता है उसका हुआ अभ्यास
नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। शहर के भीड़भाड़ वाले मॉल रामा मैग्नेटो मॉल के टॉप फ्लोर में अचानक आग लग गई। आग लगने की जानकारी होने के बाद मॉल में अफरा तफरी का माहौल बन गया तुरंत मौके पर पुलिस और दमकल की टीम पहुंच तत्परता दिखाते हुए आग पर काबू पाया और आग में फंसे 2 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस खबर से लोगों में दहशत फैल गई, मगर जब लोगों को जागरुक करने इस पूरी कार्रवाई को पुलिस द्वारा मॉक ड्रील किया जाना बताया तो लोगों ने राहत की सांस ली।
परिस्थितियों से निपटने के लिए पुलिस ने एक मॉक ड्रिल किया था सूरत के कोचिंग इंस्टीट्यूट में लगी भीषण आग और 20 बच्चों की मौत के बाद नगर निगम सभी कोचिंग इंस्टीट्यूट और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों की जांच कर रहा है वहीं कलेक्टर ने भी लगातार आग से बचाव के लिए प्रशिक्षण एवं पूर्वाभ्यास के निर्देश दिए हैं। इन्हीं निर्देशों का पालन करते हुए पुलिस विभाग ने शाम को बिलासपुर के रामा मैग्नेटो मॉल में फायर सेफ्टी पर मॉक ड्रिल किया। भीड़भाड़ वाले इलाके में अगर कभी आग लग जाए तो फिर पुलिस और दमकल विभाग किस तरह बचाव और राहत कार्य करेगी और आम लोग भी किस तरह आग से खुद का बचाव करते हुए सुरक्षित निकलेंगे इसे मॉक ड्रिल में प्रदर्शित किया गया। इसके लिए मॉल के टेरेस में आग लगाई गई और फिर मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने अपनी तत्परता से आग पर काबू पाया। वही दो आग में फंसे वॉलिंटियर को भी फायर सेफ्टी टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। ऐसी विकट परिस्थितियों में लोग किस तरह के सुरक्षा उपाय अपनाएं और किस तरह खुद का बचाव करें इसकी जानकारी भी एडिशनल एसपी संजय धु्रव ने दी। बड़ी बिल्डिंग और ऐसे स्थानों पर जहां एक साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद होते हैं वहां आग लगने की स्थिति में जानमाल के अधिक नुकसान की आशंका रहती है। ऐसे प्रतिष्ठानों में एक तरफ जहां अग्निशमन यंत्रों की मौजूदगी होनी चाहिए वहीं आग से निपटने के तमाम उपाय और संसाधन भी अप टू डेट रहने चाहिए । साथ ही सुरक्षित निकलने के एग्जिट गेट भी न सिर्फ होनी जरूरी है बल्कि उनके लिए संकेत और बोर्ड भी होने चाहिएए इस पर भी यहां जोर दिया गया। आग लगने की घटना के दौरान बिल्डिंग तक अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके, इसकी व्यवस्था भी जरूरी है, जिसके लिए अवैध निर्माण को हटाने और सुव्यवस्थित सड़क की भी जरूरत को भी बेहद महत्वपूर्ण बताया गया। हालांकि यह पूरी कवायद इसलिए की जा रही है क्योंकि सूरत में हुए बड़े हादसे के बाद आगजनी की घटनाओं से बचाव करने लोगों को जागरूक किया जा रहा है।