नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। सिम्स कैन्टीन के टेंडर इंडियन कॉफी हाऊस को देने की प्राक्रिया चल रही है। जहाँ सस्ता नही महंगे दाम में मिलेगा खाने-पीने का समान। सिम्स अस्पताल में कार्यरत स्टाफ , मरीज एवं इनके परिजनों के खाने पीने की सुविधा के लिए अस्पताल के सामने कैंटीन बनाने की बुनियाद रखी गई। जिसका टेंडर पीडब्लूडी को दिया गया लेकिन एक वर्ष में बनने वाले इस कैंटीन को बीते चार वर्षों बाद भी पूर्ण नही किया गया। अब भी फर्नीचर का कार्य बाकी है। जहां कुछ कार्य होने बाकी है। इसके बाद भी प्रबंधन स्टाफ एवं मरीजों की सहूलियत के लिए जल्द ही इसे शुरू करना चाहता है। ऐसा कहा जा रहा है कि सिम्स कैन्टीन का ठेका शहर में संचालित नामी इंडियन कॉफी हाउस को दिया जाएगा ताकि लोगों को उम्दा व्यंजन मिले। क्वालिटी की बात की जाए तो इसमें कोई दो राय नही परन्तु दाम की बात करें तो निम्न वर्ग के लोग चाय कॉफी पीने का विचार ही नही करेंगे। क्योंकि इंडियन कॉफी हाउस क्वालिटी के मुताबिक कीमत नही घटा सकता ।
समूह को नही मिलेगा ठेका
सिम्स अस्पताल के किचन हो या कैन्टीन का ठेका देना हो ए इसे पहली प्रार्थमिकता स्वसहायता समिति को दिया जाता है । अगर किसी समिति ने टेंडर फार्म नही भरा है तो जिला प्रशासन स्तर पर बनी स्वसासी समिति के अध्यक्ष, सचिव अन्य सदस्य मिलकर निर्णय लेने के बाद ही टेंडर जारी किया जाता है जिसके अध्यक्ष कलेक्टर होते है । इसके अलावा ठेका लिए हुए देकेदार समिति द्वारा तय किये गए रेट के अनुसार खाने पीने के समान बेचने होंगे ।
सिम्स में परिजन शेड नही
शेड नही होने से मरीजों के परिजन बाहर साइकल स्टैंड शेड के नीचे खाना पकाते है । जहाँ चारो ओर गन्दगी फैली रहती है जबकि एमसीआई ने निरीक्षण के दौरान कई बार अस्पताल में मरिजों के परिजनों के ठहरने के लिए परिजन शेड बनाने के निर्देश दिया था जिसपर अमल करना प्रबन्धन भुल गया है ।