- रेलवे के एक प्रकरण में आया हाईकोर्ट का फैसला
बिलासपुर-रायपुर । छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला करते हुए मृत रेल कर्मचारी की दूसरी पत्नी से उत्पन्न संतान को भी वैध व अनुकंपा नियुक्ति के लिए हकदार मानते हुए उसे 45 दिनों के भीतर अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मामला दरअसल ऋचा लामा पिता गणेश लामा का है। स्व. गणेश लामा रेलवे कर्मचारी थे, जिनका 17 जनवरी 2015 को निधन हो गया था। पिता की मौत के बाद पुत्री ऋचा ने बिलासपुर रेल मंडल के सीनियर डीपीओ कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था, जिस पर एक वर्ष तक सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद ऋचा ने कैट में परिवार दायर किया, कैट ने 22 दिसंबर 2017 को आवेदक को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया था। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इसके विरोध में रेलवे बोर्ड सर्कुलर का हवाला देते हुए आवेदिका को अनुकंपा नियुक्ति का हकदार नहीं होने की बात कही थी। रेलवे की अपील पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस संजय के अग्रवाल के डबल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सभी पहलुओं पर गंभीर मंथन करने के बाद आवेदिका ऋचा को अनुकंपा नियुक्ति के लिए हकदार मानते हुए उसे 45 दिनों के भीतर नियुक्ति देने का आदेश दिया है।