नवप्रदेश संवाददाता
बिलासपुर। रेलवे कंस्ट्रक्शन ऑफिस में अचानक हंगामा मच गया। रेलवे के दो कर्मचारी आपस में ही भिड़ गए। एक कर्मचारी भागा तो उसके पीछे पीछे भागे दूसरे अधिकारी ने पीछे से पहुंचकर उसका गिरेबान पकड़ लिया और बात बढ़ते बढ़ते हाथापाई तक जा पहुंची। जिसने मारपीट की शक्ल ले ली। रेलवे के निर्माण विभाग में कार्यरत किशन कुमार सहिस कार्यालय अधीक्षक के पद पर काम करते हैं। आज सुबह दफ्तर पहुंचने पर जब वे उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने गए तो वहां मौजूद कर्मचारी ने उन्हें ऐसा करने से रोका।
बताया गया कि मुख्य अभियंता ए के मसीह ने रजिस्टर में साइन करने से मना किया है। इस पर आगबबूला होकर किशन कुमार सहिस उप मुख्य अभियंता के चेंबर में घुस गए और दोनों के बीच गर्मा गर्मी होने लगी। बताया जा रहा है कि इसी दौरान गुस्से में किशन कुमार सहिस ने ए के मसीह का गिरेबान पकड़ लिया, जिससे भड़के ए के मसीह नें पलटवार किया तो किशन कुमार भागने लगे। पीछे-पीछे पहुंचे अधिकारी ने पीछे से पहुंचकर उनका गिरेबान पकड़ा और गाली गलौज देते हुए उनसे मारपीट की। इससे पूरे दफ्तर में हंगामा मच गया। हर तरफ चीख-पुकार और शोरगुल होने लगा। इस घटना के पीछे दोनों कर्मचारियों के अपने-अपने तर्क हैं।
किशन कुमार सहिस का कहना है कि उन्हें बॉलीवुड की किसी मूवी में कोई रोल ऑफर हुआ है। इस कारण से वे अब रेलवे की नौकरी छोडऩा चाहते हैं। लिहाजा उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन भी किया है, लेकिन इसी बीच उनके पूर्व बॉस ए के मसीह ने उनका ट्रांसफर दूसरे विभाग में कर दिया। जहां के अधिकारी से मुलाकात करने के बाद किशन कुमार ने अपनी स्थिति स्पष्ट की तो किशन कुमार के अनुसार हंसराज शर्मा नामक अधिकारी ने इस पर अपनी मौखिक सहमति दे दी, इसलिए किशन कुमार चाहते हैं कि अगले दो-तीन महीने में जब तक उन्हें वॉलंटरी रिटायरमेंट ना मिल जाए तब तक वह अपने पूर्व विभाग में ही काम करते रहे। इसलिए उन्होंने पूर्व विभाग की उपस्थिति रजिस्टर में ही हस्ताक्षर करना जारी रखा, लेकिन उनके विभाग के बॉस उप मुख्य अभियंता ए के मसीह का दावा है कि उन्हें उच्च अधिकारियों द्वारा निर्देश मिले हैं कि जब किशन कुमार का स्थानांतरण दूसरे विभाग में हो चुका है तो फिर वे किस अधिकार से उनके विभाग में उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर रहे हैं, इसीलिए ए के मसीह ने उन्हें ऐसा करने से रोका। एके मसीह ने इसके पीछे तकनीकी जानकारी भी दी। उनका कहना है कि किशन कुमार ने 3 जून को वीआरएस के लिए आवेदन किया था लेकिन इससे काफी पहले 28 मई को ही उनका स्थानांतरण हो चुका था और उन्हें इसकी जानकारी 14 जून को दी गई थीए चूँकि आवेदन से पहले ही उनका ट्रांसफर दूसरे विभाग में हो चुका था इसलिए नियमानुसार उन्हें उस विभाग की उपस्थिति रजिस्टर में ही हस्ताक्षर करना था जहां उनका ट्रांसफर हुआ था। इसकी बजाय जब वे अपने पुराने विभाग में ही हस्ताक्षर करने पर अड़े रहे तो इस कारण से दोनों के बीच विवाद हुआ और इस विवाद के चलते जब किशन कुमार ने अपने अधिकारी पर हमला कर दिया तो बदले की कार्यवाही में उन्होंने भी उसके साथ मारपीट की। दोनों अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने पक्ष में दावे कर रहे हैं, लेकिन इस अंतर विभागीय झगड़े के नतीजे में जिस तरह दोनों ने दफ्तर में मारपीट कर घोर अनुशासनहीनता का परिचय दिया है उससे विभाग के नाम पर बट्टा जरूर लगा है।
इस घटना के बाद मामले में हस्तक्षेप करने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे श्रमिक संगठन यानी यूनियन भी पहुंच गई और किसी तरह मामले को शांत करवाया। हालांकि इस मारपीट की शिकायत पुलिस में तो नहीं की गई लेकिन अधिकारियों को आवश्यक इससे अवगत करा दिया गया है। किशन कुमार सहिस और एके मसीह के बीच काफी दिनों से इसी मामले में तनातनी चल रही थी।